Bareilly News-ईद मिलाद-उन-नबी क्यों मनाया जाता है !
बरेली (मोहम्मद शीराज़ ख़ान) -ईद मिलाद-उन-नबी को पैग़म्बर मोहम्मद साहब की पैदाइश के रूप में मनाया जाता है।
पवित्र पैग़म्बर साहब का जन्म 571 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में रबी-उल-अव्वल के बारहवें दिन हुआ था। रबी-उल-अव्वल इस्लामिक वर्ष का तीसरा महीना है। ईद-ए-मिलाद खुशी का त्यौहार है । ईद-ए-मिलाद लोगों द्वारा बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ईद-ए-मिलाद इस्लाम-सुन्नियों और शिया मुसलमानों की दो शाखाओं के बीच भिन्न होता है। सुन्नियों के लिए, यह दिन इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने के 12 वें दिन पड़ता है जिसे रबी- उल-अव्वल कहा जाता है। लेकिन शियाओं का मानना है कि पैग़म्बर मुहम्मद साहब का जन्म वास्तव में महीने के 17वें दिन हुआ था। मुसलमानों का सुन्नी समुदाय इस शुभ दिन को इस्लामिक महीने रबी उल-अव्वल की 12 तारीख को मनाता है। जबकि शिया समुदाय इसे रबी उल-अव्वल की 17 तारीख को मनाता है। मुसलमान पैग़म्बर मुहम्मद साहब की शिक्षाओं के आगमन का जश्न मनाते हैं और यहां तक कि सामाजिक सभाएं भी करते हैं, जिसमें उनकी रात भर की प्रार्थना सभा होती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में इस त्योहार की तारीख अलग-अलग होती है।