Bareilly News : ख़ानक़ाहे नियाजि़या में तीन रोज़ा उर्स का समापन

बरेली ख़ानक़ाहे नियाजि़या में कुतबे आलम, मदारे आज़म हज़रत मौलाना शाह नियाज़ बेनियाज़ कि़बला रह0अ0 के दूसरे जानशीन सिराजुस्सालेकीन हज़रत शाह मुहिउद्दीन अहमद

क़ादरी चिश्ती रह0अ0 का तीन रोज़ा उर्स का आखरी दिन अपनी पाक़ीज़ा रिवायत के साथ जारी।ख़ानक़ाहे नियाजि़या के अज़ीम सूफी रहनुमा व पूरी दुनिया में इन्सानियत और भाई चारे के परचम बुलन्द करने वाले ग़रीब नवाज़ के रूहानी उत्तराधिकारी हज़रत शाह मुहिउद्दीन अहमद क़ादरी चिश्ती रह0अ0 का तीन रोज़ाना सालाना उर्स के आखरी दिन की तक़रीबात का आग़ाज़ फज्ऱ की नमाज़ के बाद कुरआन ख़्वानी से हुआ। मदरसा आलिया नियाजि़या अज़ीजु़लउलूम के उस्ताद और मदरसे के तमाम तुलबा देश-विदेश से आये ज़ायरीन ने कुरआन ख़्वानी में शरीक होकर खि़राजे़ अक़ीदत पेश की। दोपहर को ख़ानक़ाही लंगरखाने में ख़ानक़ाह के तमाम साहिबज़ादगान ने अपने हाथों से लंगर तक़सीम किया। बाद नमाजे़ अस्र मिलाद शरीफ का आयोजन किया गया। ईशा की नमाज़ के बाद महफिले कव्वाली मुनअकि़द हुई। इसमें मखसूस तजऱ्ों में सिर्फ सूफियान कलाम पेश किया गया, जिसका तमाम लोगों ने रूहानी फैज़ हासिल किया। आधा दर्जन कव्वाल चौकियों ने सूफियाना कलाम पेश करके अपनी हाज़री दी। रात 01ः00 बजे ख़ानक़ाह के सज्जादानशीन हज़रत शाह मोहम्मद हसनैन उर्फ हसनी मियां साहब कि़बला मसनद पर तशरीफ लाये और उनके साथ नायब सज्जादानशीन अलहाज मौलाना शाह मेहदी मियां नियाज़ी बराबर में बैठे उसके बाद हिन्दुस्तान के मशहूर कव्वाल जीशान, फैज़ान, मोहम्मद शाहिद नियाज़ी और ख़ानक़ही चौकी के शकील नियाज़ी ने कुल शरीफ की मखसूस ग़ज़लें पेश करके खि़राजे अक़ीदत पेश की। रात 02ः15 बजे कुल शरीफ हुआ, मज़ारात पर हाजि़री के बाद तबर्रूक तक़सीम किया गया। हल्क़ाए जि़क्र के बाद उर्स का इखि़्तताम हुआ। जबाद कुल के मुरीदीन साहिबे सज्जादा से इजाज़त लेकर अपने घर के लिए रवाना हो गये।

भवदीय

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