Bareilly news : भेद-भाव पूर्ण रवैये का पुरज़ोर विरोध किया

बरेली । आल इण्डिया इलाहाबाद बैंक रिटायरीज एसोसिएशन के आव्हान पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत इंडियन बैंक ,सिविल लाइंस ब्रांच पर इलाहाबाद बैंक के रिटायरीज ने धरना देकर जोरदार प्रदर्शन कर इंडियन बैंक कि भेदभाव पूर्ण नीति का पुरजोर विरोध किया ।

एबीआरए के प्रांतीय अध्यक्ष गोपाल कृष्ण वर्मा ने कहा कि सम्मेलन के बाद इलाहाबाद बैंक के रिटायरीज भी इंडियन बैंक रिटायरीज हैं, फिर ये असमानता ,भेदभाव अनुलाभों को देने में क्यों ,इसका हम घोर विरोध करते हैं।हुए धरना दिया वर्मा ने कहा इलाहाबाद बैंक का 1अप्रैल 20 को इंडियन बैंक में मर्जर किया गया ,सरकार की बैंक मर्जर नीति के अनुसार दोनों बैंकों में जो एचआर पॉलिसी में बेहतर होगी ,उस बेहतर पालिसी के अनुसार अनुलाभ सभी सेवारत व सेवानिवृत्तों को मिलेंगे। स्टाफ वैलफेयर स्कीम के अंतर्गत इंडियन बैंक रिटायरीज को तीन अनुलाभ प्रति वर्ष मिलते हैं ₹4000/- की मेडिकल खर्चे की प्रतिपूर्ति, 2 लाख की आरोग्य सुरक्षा पालिसी , रिटायरी व उसकी स्पाउस के हैल्थ चैक अप खर्चे की प्रतिपूर्ति, जिससे मर्जर से पूर्व के इलाहाबाद बैंक रिटायरीज जो 14000 हैं उन्हें बंचित कर दिया गया जो मर्जर नीति का खुल्लम खुल्ला उल्लघंन है। अनुनय, विनय व सभी प्रदेशों की यूनिटों के ज्ञापनों पर नकारात्मक रवैये व 18 महीने के लम्बे अन्तराल के बाद भी प्रबंधन की भेदभाव पूर्ण नीति ने अति बरिष्ठ रिटायरीज को इस शीत काल में असहनीय पीड़ा को नजरंदाज कर आंदोलन कै विवश किया है। सभी प्रादेशिक यूनिटें धरना/प्रदर्शन कर मैनेजिंग डायरेक्टर व सीओ को सम्बोधित ज्ञापन देकर पूर्व इलाहाबाद बैंक रिटायरीज के साथ भेद-भाव बंद करने की गुहार कर रहीं हैं, यदि प्रबंधन ने इस पर भी कान नही दिए तो दूसरे चरण के आंदोलन में इंडियन बैंक के कारपोरेट आफिस ,चेन्नई पर फरवरी 22 में धरना प्रदर्शन कर न्याय मांगेंगे। वर्मा ने कहा कि संसदीय समिति की सलाह पर डीएफएस व आईबीए के निर्देशों पर बैंकों में रिटायरीज की समस्याओं के निराकरण के लिए ग्रिवांश रिडरैशल मैकेनिज्म (समस्या निवारण तंत्र) है जिसमें हर 6 माह में रिटायरीज संगठनों के साथ कारपोरेट आफिस स्तर वार्ता कर समस्याओं का निराकरण किया जाता है, तदनुसार एआईएबीआरए के साथ वार्ता कर समस्याओं का निराकरण हो ,इसके लिए प्रबंधन तैयार नहीं है। दसवें वेतन समझौते 2015 के स्टेगनेशन इंक्रीमेंट का नोशनल बैंनिफिट यानि पेंशन बढौतरी भी स्वीकृति नहीं की गई। ग्यारहवें समझौते के अनुलाभों स्टेगनेशन इंक्रीमेंट, एलएफसी का अन्तर, 7 दिन पीएल नगदीकरण ,लीव इंकैशमैंट के अन्तर का भुगतान स्वीकृति न कर इलाहाबाद बैंक रिटायरीज का शोषण व उत्पीड़न किया जा रहा जिसे एसोसिएशन मूक दर्शक बन कर नहीं देख सकती। वर्मा ने कहा कि इलाहाबाद बैंक में पेंशन वितरण महीने के अन्तिम दिन होता था जबकि इंडियन बैंक एक तारीख को पेंशन देती उसे माह के अन्तिम दिन दिया जाए व सेवानिवृत्त व वालिंटरी रिटायर्ड के भेद को दूर किया जाये और स्टाफ वेलफेयर स्कीम सहित सभी अनुलाभ वालिंटियरी रिटायर्ड को भी दिये जायें ,इलाहाबाद बैंक में सभी रिटायरीज समान थे यही समिमेलित बैंक की बेहतर पालिसी है। एआईबीआरएफ,बरेली यूनिट के अध्यक्ष अनिल मेहरोत्रा, महेश यादव, संजीव मेहरोत्रा, अनिल विद्यार्थी ने भी एबीआरए के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा इंडियन बैंक को इलाहाबाद बैंक रिटायरीज की जायज मांगों को मांग कर रिटायरीज में अन्तर समाप्त कर बैंक के सभी रिटायरीज को एक समान अनुलाभ शीघ्र देने चाहिए । अध्यक्ष एबीआरए ए पी गुप्ता ,राम कृष्ण शर्मा, जगन्नाथ,अनिल अग्रवाल, आर एन शर्मा, अतर सिंह, रमेश नारायण मेहरोत्रा, जसवंत सिंह, दिनेश टंडन, प्रभाकर प्रभात, विनय स्वरूप सक्सेना, राकेश सिंहा, देवेन्द्र सिंह मनराल,भगवान दास गंगवार, वासुदेव लोंगवानी,सुरेश महेश्वरी,राकेश शर्मा,जे सी गुप्ता,विजय कुमार कन्नौजिया, संजय मैहरा, अरूण अग्रवाल, आर एम गोयल ने भी सम्बोधित कर भेदभाव बन्द करनेकी मांग की। मुख्य प्रबंधक, को मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीओ इंडियन बैंक को सम्बोधित ज्ञापन आगे अग्रसारित करने के लिए दिया गया।

 

 

बरेली से अशोक गुप्ता,अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !

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