Bareilly News : 38 वॉ बाल्मीकि मेले में कवि सम्मेलन में शिल्पी सक्सेना ने सुनाया कुछ ऐसा
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसका संचालन कवि रोहित राकेश जी ने किया। कवि सम्मेलन में पंत नगर के कवि मोहन मुन्तजिर, मेरठ की कवियत्री शुभम त्यागी, कवियत्री शिल्पी सक्सेना, कवियत्री सुल्तान जहाँ तथा कवि प्रकाश मायूस ने भाग लिया।
कवियत्री शुभम त्यागी जी ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा “लगाकर ताज को ठोकर जो सूली पर चढ़े हँसकर, हमारे नौजवानों की जवानी हो तो ऐसी हो।”
मोहन मुन्तजिर जी ने कहा
“प्यार करो अपनी धरती से और आज़ाद बनों अशफ़ाक़ बनों, लैलाओं के चक्कर मे मजनूँ बनने से क्या होगा।”
कवियत्री शिल्पी सक्सेना ने कहा “चूड़ी कहती बिंदिया कहती
कहती यही महावर है,
देश की शान न जाने पाए
ये सुहाग न्योछावर है।”
सुल्तान जहाँ ने कविता पढ़ी “उनकी खुशी के वास्ते हर रस्म तोड़कर, आंखों ने रख दिया है समंदर निचोड़कर।”
प्रकाश मायूस जी ने कहा “जब से साजन तुम छोड़ गए हो सूना पड़ा है गांव में।”
विक्की एंड पार्टी के गीत-संगीत के कार्यक्रम देर रात तक चलते रहे तथा दर्शको को गुदगुदाते रहे।
कई सारे नए कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
मेले में प्रमुख रूप से मेला अध्यक्ष श्री मनोज थपलियाल, आकाश पुष्कर एडवोकेट, सुनील दत्त, शोभित सक्सेना, महेंद्र अग्रवाल, योगेश बंटी, संजय वाल्मीकि, बंटी सिंह, रोहित थपलियाल, अखिल विराट, मोहित कुमार आदि उपस्थित रहे।