Bareilly news : उपन्यास ‘स्माइल’ का विमोचन 22 को

बरेली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत सरकार के कर्मी संदीप यादव अपने द्वारा लिखित काल्पनिक कहानी एक उपन्यास के रूप में लेकर आ रहे है ।

जिसका नाम है स्माइल जिसका विमोचन कल बरेली में किया जाएगा। ये कहानी है एक ऐसे क्षेत्र की जिसे समाज का एक बड़ा भाग अलग नजरिये से देखता है या यूँ कहें कि जिसके प्रति समाज की मनोदशा भद्दी और नकारात्मक है। यह कहानी एयर हॉस्टेस की पर्सनल व प्रोफेशनल जिंदगी को एक साथ दिखाएगी, यह कहानी आपको समझाएगी कि कैसे प्लेन की गैलरी में आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लिए हमारे ही समाज की लड़की मधुर मुस्कान के साथ घण्टों सेवा में खड़ी रहती है, जो न केवल आपके स्वास्थ्य का ख़्याल रखती हैं बल्कि आपके खाने पीने और मानसिक व्यवहार का भी ख्याल रखती हैं। लेकिन फिर ऐसा क्या है इनकी निजी और पेशेवर जिंदगी में जो समाज इन्हें गलत बताता या समझता है ..? अनसुनी प्रेम कहानी के साथ साथ पारिवारिक रिश्तों में उलझती सुलझती एयर होस्टेस के जीवन की यह कहानी हमारे सामने एक तस्वीर प्रस्तुत करेगी जिससे शायद समाज की मनोदशा में कुछ फ़र्क आए। यह कहानी बरेली शहर की ही निवासी शुभी सक्सेना के जीवन पर आधारित है जो वर्तमान में एक प्राइवेट एयरलाइन्स में एयर होस्टेस हैं। इस कहानी में दो एयर होस्टेस के पात्र हैं जिसमें एक पात्र शुभी सक्सेना का है व दूसरे पात्र की एयर होस्टेस काल्पनिक है। यह कहानी कोई साधारण कहानी नहीं है, यह हकीकत है एक बेटी की जिसने समाज की इस मनोदशा पर जोरदार प्रहार कर समाज को सोचने पर मजबूर किया है कि एक एयर होस्टेस, जो समाज सोचता है उससे बिल्कुल अलग होती है। इस कहानी में 6 ऐसे बड़े विंदुओं को शामिल किया गया है जो इनकी जिंदगी को समाज की नायिका के रूप में घोषित करते हैं। यह कहानी प्रेम सिखाती है, भावनाओं के साथ रिश्तों के महत्व सिखाती है, समाज की हकीकत और एक एयर होस्टेस के बलिदान को बिंदु बिंदु समझाती है। शुभी सक्सेना के जीवन पर आधारित ये उपन्यास आपको बताएगा कि प्लेन की गैलेरी में खड़ी लड़की के चेहरे पर हर रोज लगातार 14, 15 घण्टे खिली मुस्कान के पीछे क्या और कितना कुछ छुपा है। यह कहानी आपको समझाएगी कि नारी के बलिदान की कोई सीमा नहीं होती, नारी का धैर्य सब कुछ छिन जाने के बाद भी कितना विशाल होता है। यह कहानी आपको बताएगी कि नारी सशक्तिकरण का मैडल लिए कोई लड़की अपने जीवन से कितना कुछ देती है समाज को…।

 

 

बरेली से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट !

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