Bareilly News : दरगाह वली मियां में नमाज़ फ़जर कुरान ख़्वानी हुई

आस्ताना ए आलिया मोहम्मदीया (दरगाह वली मियां) में कुतुबुलअक़ताब किब्ला अल्हाज अश्शाह मौलाना वली मोहम्मद‌ रहमतुल्लाह अलैह (वली मियां) के चार रोज़ा उर्स ए मोहम्मदी के दूसरे दिन सुबह बाद नमाज़ फ़जर (6.30 Am) कुरान ख़्वानी हुई

जिसमें मदरसे के तालिब ए इल्म ने कुरआन केे पारे पढ़े। इस कब्ल हज़रत वली मियां रहमतुल्लाह अलैह के विसाली कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई, प्रोग्राम का आग़ाज़ हज़रत अनवर मियां ने कलाम ए पाक की किलावत से किया। हाफ़िज़ मोहम्मद हसन व हाफ़िज़ मोहम्मद अली ने हज़रत वली मियां रहमतुल्लाह अलैह की सीरत पर रोशनी डाली, क़ारी यासीन ने ” दिया है शाहे वली ने पयाम आए हैं, ग़ुलाम लेके वली का सलाम आए हैं ” पढ़ा , ‌अब्दुल रऊफ़ नश्तर ने पढ़ा “इल्तिजा की दोनों ही साअतें हैं ये नश्तर,अाज बज़्म ए मिदहत है आज कुल विसाली है”। ठीक 4 बजे सुबह फ़ातिहा हुई और हज़रत वली मियां रहमतुल्लाह रहमतुल्लाह अलैह के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई, फ़ातिहा के बाद दुआ हुई, इसके बाद सभी ने मज़ार शरीफ़ पर हाज़िरी दी।‌ इस मौके पर ताहिर जमाल, सय्यद नाज़िर अली (चाँद), इकबाल प्रधान, इफ़्तेख़ार हुसैन, मोहम्मद नवीद,अशफ़ाक़ हुसैन, हयात‌‌ गेसावत, हाजी पप्पू, मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद हुसैन मोहम्मदी,‌‌ इमरान,‌ महबूब अली,‌ नवेद उल्लाह,‌ सय्यद मतीन उल्लाह आदि मौजूद रहे।

दिन में जगह जगह से ज़ायरीन चादरों का जुलूस लेकर पहुंचे।

रात बाद नमाज़ इशा(9 pm) प्रोग्राम का आग़ाज़ कलाम पाक की तिलावत से किया गया, नात ख़्वां‌‌ हज़रात फ़ारूख़ मदनापुरी ने “ये तेरा ख़ुसूसी करम है हम पर गुनाहगार बंदों पर मौला,उसकी उम्मत में किया है जो तेरा ख़ास प्यारा नबी है” , वसीम अशरफ़ ने ” कूचा ए वली की तो शान ही निराली है,जो भी इसमें आ बैठा ज़िन्दगी बना ली है” पढ़ा, हाफ़िज़ हाशिम, मैलाना तारिक़ आदि ने भी नात व मंंक़बत पढ़ी।

मुरादाबाद से तशरीफ़ लाए‌ क़ारी इक़बाल साहब ने‌ अपने ख़िताब में कहा‌ कि ख़ानक़ाहों से इंसानियत का दर्ज़ मिलता है यही वो ख़ानक़ाहें हैं जहाँ इंसान को सही ज़िन्दगी गुज़ारने का सबक दिया जाता है, मुल्क के हालात पर कहा कि ऐसी नाज़ुक घड़ी में मुसलमानों को सब्र से काम लेना चाहिए और अपने बुज़ुर्गों से सबक हासिल करना चाहिए। माज़ी में भी हम बुज़ुर्गों केे करीब कामयाब हुए और मुस्तक़बिल में भी बुज़ुर्गों केे करीब होकर ही हमें कामयाबी मिलेगी, हमें अल्लाह ने अनवर मियां हुज़ूर जैसे क़ाइद अता फ़रमाए हैं जिनकी ज़िन्दगी हमारे लिए सबक है जिन्होंने अपना सब कुछ छोड़कर अल्लाह और उसके रसूल की ख़ुशनुदी के लिये अपनी ज़िंदगी को ग़ुज़ारना ही अपना मक़सद समझा है । यही वजह है कि पूरे मुल्क में हुज़ूर अनवर मियां केे चाहने वाले मिलते हैं ।

खटीमा से तशरीफ़ लाए‌ क़ारी इलियास ने अपने ब्यान में‌ फ़रमाया कि ख़ौफ़े ख़ुदा के साथ सोहबत औलिया भी बहुत ज़रूरी है सोहबत ए औलिया नेकियों का ज़रीया बनता है, अल्लाह वालों की सोहबत में रहने वाले न जाने कितने अल्लाह वाले बन ।

तक़ारीर के बाद ठीक रात 12 बजे सलात व सलाम पढ़ा गया सज्जादानशीं अल्हाज अनवर मियां ने दुआ ए खै़र की कतर से मोहम्मद नावेद और दुबई से सय्यद मतीन उल्लाह ने दरगाह पर चादर पोशी की, इस मौके पर आरिफ़ उल्लाह, नसीम कुरैशी, रियासत, मोहम्मद अकरम, रिफ़ाक़त, हसीब,अन्नू, इरशाद,‌ इरफ़ान कुरैशी, आदि मौजूद रहे ।

” उर्स ए मोहम्मदी में कल सुबह 26 फ़रवरी कुरान ख़्वानी होगी दिन में चादरों के आने का सिलसिला रहेगा और बाद नमाज़ इशा तरहई मुशायरा होगा जिसका मिसरा तरह है ‘कब किसी सवाली की बात तुमने टाली है’ जिसकी निज़ामत ख़ालिद नदीम बदायूंनी और सदारात सज्जादानशीं अनवर मियाँ हुज़ूर करेंगे “।

सय्यद‌ नाज़िर अली (चाँद)

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