Bareilly News : मुफ़्ती नकी अली खां का 141 वा दो रोज़ा उर्स 2 और 3 अगस्त को मनाया गया

1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाने वाले आला हज़रत के वालिद हुज़ूर नकी अली खां राहमतुल्लाह अलेह का 141 वा दो रोज़ा उर्स ए मुबारक मनाया गया…..

बरेली । हर साल की तरह इस साल भी मुफ़्ती नकी अली खां का 141 वा दो रोज़ा उर्स 2 और 3 अगस्त को मनाया गया.. 2 अगस्त बाद नमाज़े ईशा जलसा ए तकरीर का प्रोग्राम हुआ… जिसमे कई शहरों के उल्माये तशरीफ़ लाये…जिसमे मुख़्य रूप से मुफ़्ती याक़ूब ने मुफ़्ती नकी अली खां की ज़िंदगी पर रौशनी डाली औऱ बताया आपको 43 उलूम पर उबूर हासिल था और आपने ही अपने बेटे आला हजरत को पढ़ाया और आपने अंग्रेज़ो को भगाने में 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाही थी इसी लिये नकी अली खां को जंगे आज़ादी के नाम से भी जाना जाता है…. 3 अगस्त को बाद नमाज़े ज़ोहर प्रोग्राम शुरू हुआ जिसकी सदारत मुफ़्ती डॉ कारी फुरखान साहब ने की और निज़ामत बिलाल रज़ा बरेलवी ने की मुफ़्ती फुरखान ने अपनी तकरीर में कहा कि जिस तरह किसी भी फल से शहर को पहचाना जाता है इसी तरह मुफ़्ती नकी अली खां के बाग में आला हजरत जैसा फल आया इसी तरह मुफ़्ती नकी अली खां को आला हजरत के नाम से जाना जाता है प्रोग्राम की ज़ेरे सरपरस्ती दरगाह आला हजरत के सज्जादा नशीन हज़रत अहसन रज़ा खा ने की.. ठीक 4 बजकर 30 मिनट पर कुल शरीफ हुआ .. दुआ हुज़ूर अहसन रज़ा खा ने की जिसमे मुल्क में अमनो अमान तरक्की ओर खुशहाली के लिए खुसूसी दुआ की औऱ कहा हम हिंदुस्तानी है हमे आपस मे इत्तेहाद रखना चाहिए… बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने शिरकत की…

उर्स में मुख़्य रूप से कई शहरों से आये मुफ़्ती औऱ कारी, बशीरुल कादरी, अख्तरुल कादरी, मुफ़्ती याक़ूब, मुफ़्ती ज़ुल्फ़िकार, मुफ़्ती आफाक, मुफ़्ती सनाउल्लाह आदि मौजूद रहे

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