Bareilly News:दिल्ली पुलिस द्वारा छात्र-छात्राओं पर की गई कार्यवाही के विरोध में दिया ज्ञापन
दिल्ली पुलिस द्वारा छात्र-छात्राओं पर की गई कार्यवाही के विरोध में दिया ज्ञापन
बरेली छात्र सेवा मंच ने ज्ञापन दिया है कि जिस तरह रविवार की रात जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के कैम्पस व ए०एम०यू० के कैम्पस में पुलिस द्वारा घुंसकर छात्रों के साथ बर्बरता की है , पुलिस के इस क्रूर कृत्य से देश भर के छात्रों में रोष व्याप्त है । उसको देखते हुय प्रश्न उठाया है कि क्या यह वही देश है कि जिसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा के पथ पर आजाद कराया था ? क्या यह वही देश है , जिसकी आजादी के लिए न जाने कितने छात्रों ने अपनी जीवन की आहूति दी थी ? क्या यह वही देश है जिस देश के संविधान रचयिता भारत रत्न बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी ने छात्रों को इस देश की आत्मा बताया था ? क्या यह इस देश की आत्मा पर हमला नहीं है ? यदि यह वही देश है तो क्या अब इस देश को संविधान से नहीं चलाया जाता है ? क्या इस देश में तानाशाही हावी हो गयी है ? क्या इस देश छात्र अपने हक की आवाज भी नहीं उठा सकता है । दिल्ली पुलिस के इस कृत्य ने देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हिन्दुस्तान सरकार को शर्मशार करने का काम किया है . चूंकि दिल्ली पुलिस भारत सरकार के अधीन कार्य करती है । इस घटना की पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार की बनती है । यदि दिल्ली पुलिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो हो सकता है कि भविष्य में देश सहित दूसरे देश से आने वाले छात्र यहां प्रवेश लेने आना बद कर दे , जिसकी जिम्मेदारी भारत सरकार की ही होगी । दिल्ली पुलिस द्वारा षडयन्त्र के तहत किये गये इस घृणित कृत्य की कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं । एवं मांग करते हैं कि जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्यवाही करने का कष्ट करें और जिन पुलिस कर्मियों को लाठी और हथियार चलाने का अधिक शौक हो उन्हें झारखण्ड और छत्तीसगढ़ जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानान्तरित कर दिया जाये । शायद ये वहां देश के कुछ काम आ सकें । जो छात्र इस प्रकरण में पुलिस की गोली का शिकार हुए हैं , उनको शहीदो का दर्जा दिया जाना चाहिए और जो घायल हैं , उनकी आगे की शिक्षा का सारा खर्च भारत सरकार वहन करे । देश का सूचना तंत्र का मुख्य स्रोत माने जाने वाली मीडिया की भी कार्यप्रणाली पर संज्ञान लिया जाना बहुत आवश्यक है । देश की मीडिया चाहे वह चैनल हो या अखबार इनका काम जनता तक हर खबर पूरी सच्चाई से पहुंचाना है । इनकी मॉनीटरिंग होनी चाहिए और जो खबरों को या उनकी सच्चाई को छिपाये . उन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए । टी0वी0 चैनल पर डिवेट के नाम पर सीधे – सीधे नफरत परोसने वाले कार्यक्रम पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाना चाहिए । आपसे मांग करते हैं कि एन०आर०सी० . सी०ए०ए० और सी०ए०वी० के विरोध में देश भर में प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराने वाले नागरिकों या संगठनों पर जो भी मुकदमें दर्ज किये गये हैं , उन्हें तुरन्त वापस लिया जाये । उन पर मुकदमा संविधान का हनन है । देश में हर नागरिक को अपनी बात कहने का अधिकार है । इस अधिकार का हनन नहीं किया जाना चाहिए । आपसे उम्मीद करते हैं कि देश की , देश के संविधान की , छात्रों के अधिकार की और मानवता की रक्षा करने के लिए ऐसे कदन जरूर उठाये जायेंगे , जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो । ज्ञापन देने वालों में नफीस खां ( संस्थापक ) सत्य प्रकाश कन्नौजिया ( संरक्षक ) इमरान खान ( अध्यक्ष )आदि मौजूद थे।