BAREILLY NEWS-कई दल अपने समर्थको के साथ कांग्रेस में शामिल !
बरेली ज़िला कांग्रेस कमेटी के महासचिव/ मीडिया प्रभारी ज़िया उर रहमान ने बताया कि आज शाहमतगज चौराहा स्थित ज़िला कांग्रेस कार्यालय पर कई दलों के लोगों ने जिनमे मुख्य रूप से वार्ड नंबर 24 से ज़िला पंचायत सदस्य मुस्तरी बेगम, वार्ड नम्बर 24 से ही पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य सरदार खां, वार्ड नम्बर 59 से ज़िला पंचायत सदस्य कौसर खा वारसी, पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य एवं वर्तमान प्रधान सौहराब खां,प्रधान मुस्तब अली खान सहित कई ग्राम प्रधानों, बी डी सी सदस्य अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए ।
ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मिर्ज़ा अशफ़ाक़ सक़लैनी ने उपस्थित सभी लोगों को कांग्रेस पार्टी के चिन्ह हाथ के पंजे का बैज लगाकर फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया और उपस्थित लोगों को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई । उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मिर्ज़ा अशफ़ाक़ सक़लैनी ने कहा कि आज पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ़ लोगों में आक्रोश है,यही कारण है कि वह अपने पक्ष में सब कुछ करना चाहती है और वह लोगों पर संस्थाओं पर तरह तरह के हथकंडे अपना कर दवाब बना रहीं हैं,कोविड महामारी में लगे लॉकडाउन में केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की पोल खुल गई । लॉकडाउन के इस दौर में कांग्रेस पार्टी ने मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभाई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी जी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने गरीबों, मज़दूरों बेसहारों की मदद करी पीड़ितों की लड़ाई लड़ी । पूर्व विधानसभा प्रत्याशी एवं पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य सरदार खां और ज़िला पंचायत सदस्य कौसर खान वारसी ने कहा कांग्रेस पार्टी एक महकता हुआ गुलदस्ता है जिससे हर जाति, समुदाय के लोग जुड़े हुए हैं कांग्रेस पार्टी की पारदर्शी नीतियों से प्रभावित होकर हमने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करी है हम पार्टी और संगठन को मज़बूत करने में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे हम पुराने कांग्रेसी है यह हमारी घर वापसी है । ज़िला पंचायत सदस्य मुश्तरी बेगम ने कहा आज महिलाओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता खामोश बैठे हैं आज महिलाओं की लड़ाई कांग्रेस पार्टी और श्रीमती प्रियंका गांधी जी लड़ रही है ।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !