Bareilly news : जश्न -ए -विला मनेगा शाहे हुदा के घर में…
बरेली (अशोक गुप्ता )- जश्न -ए -विला मनेगा शाहे हुदा के घर में… बरेली : शियों के पांचवें इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर घेर शेख मिट्ठू ज़खीरा किला स्थित ड़ा अक़ील ज़ैदी के निवास पर एक महफ़िल सजी।
जिसका उनवान् “हिकमत का फूल महका ज़ैनुल इबा के घर में ” जिसमें बाहर से आए हुए शायरों के अलावा मक़ामी शायरों ने भी शिरकत की। महफ़िल का आगाज़ मौलाना सितवत हैदर ने हदीस -ए -किसा से किया। इसके बाद शायरों ने अपने -अपने क़लाम पेश किए। बाक़ीर की आरज़ू में पलकें बिछाए घर में.. बैठे है ग़म भुलाए महफ़िल सजा के घर में.. (मोनिस बरेलवी ) खुशियां मना रहें है अहमद भी मुर्तज़ा भी.. हिकमत का फूल महका ज़ैनुल लिबा के घर में…(फैहमी ज़ैदी ) वही अक़ील ज़ैदी ने अपने इस शेर पर खूब वाह -वाही बटोरी बाकिर जो आ रहें है ज़ैनुल इबा के घर में.. जश्न -ए -विला मनेगा शाहे हुदा के घर में… (ड़ा अक़ील हुसैन ज़ैदी सेथली) ये दूसरा मोहम्मद उतरा है आसमां से… एक जशन सा बपा है कुल अम्बिया के घर में…(अदील बरेलवी ) मुनक़ीर की नींद मैंने करदी हराम ऐसे… एक नार -ए -रिसालत अपने लगा के घर में.. (गुलरेज़ तुराबी) रहमत का तशत लेकर मुझ तक खुद -ए – बाकिर.. पहुंची मेरी दुआ जो हाजत रवा -ए – बाकिर..(सदफ मुरादाबादी) वैहदत का वो दिया जो रौशन किया था शाह ने… बे ख़ौफ़ जल रहा हैं अब तक हवा के घर में.. (ज़ुल्फिक़ार बरेलवी ) पूछा जो मैंने हज़रत मौला कहा मिलेंगे.. बोले अक़ील भाई हर आशिना के घर में… (हानि बरेलवी) बाकिर का जश्न होगा अहले विला के घर में.. बिजली गिरेंगी लेकिन ज़ुल्मों जफा के घर में… (हसनैन रज़ा आब्दी) कर्बोबला में शैह ने जैसे सजाए है गुल… ऐसे तों ख़िल सकें ना खुद अम्बिया के घर में… (ज़ीशान हैदर बरेली) महफिल की निज़ामत हलीम सेथली ने की तों वही यासीन सेथली, अली आलिम समेत अन्य शायरों ने भी इमाम बाकिर की शान में कसीदे पढ़े। अंत में मौलाना शमशुल हसन खां ने इमाम मोहम्मद बाकिर की जिंदगी पर रौशनी डाली। जिसके बाद शायरों को उपहार भेट किए गए महफ़िल में मुहामिद ज़ैदी, फैज़ुल ज़ैदी, असलम एजाज़ रिज़वी, सैफ, अयाज़ ज़ैदी, यासीन, जौनी, समीर, मोनिस, ज़ुल्फिकार हैदर, अली हाशिम, जमाल ज़ैदी, समेत अन्य लोग मौजूद रहें।