बरेली। आईएएस, आईपीएस अफसरों के करीबी सत्य साईं बिल्डर्स भाजपा नेता कम ठेकेदार रमेश गंगवार के बरेली, लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार इलाके में सरस्वती अपार्टमेंट स्थित फ्लैट, उत्तराखंड में काशीपुर समेत दर्जन भर ठिकानों पर एक साथ इनकम टैक्स की कई टीमों ने बुधवार को छापेमारी की।
सुबह से लेकर बुधवार देर शाम तक रमेश गंगवार और उनके पार्टनर बिल्डरों के घरों से इनकम टैक्स की टीम ने करोड़ों की टैक्स चोरी के दस्तावेज बरामद किए हैं। रमेश के काले धंधों में कई आईएएस अफसरों की ब्लैकमनी लगी हुई है।
शहर के कई बिल्डरों के साथ पार्टनरशिप, खुफिया जगहों पर रखें हैं काले कारनामों के चिट्ठे
मूल रूप से नवाबगंज के गांव के रहने वाले रमेश गंगवार का पीलीभीत रोड पर प्रेमनगर में अर्बन कोआपरेटिव बैंक के सामने आफिस है। यूपी से लेकर उत्तराखंड तक रमेश गंगवार ने आईएएस अफसरों की मदद से सैकड़ूों करोड़ के ठेके हथिया लिए।
बरेली में बीडीए में भी रमेश गंगवार सबसे बड़े ठेकेदार है। बीडीए के बड़े प्रोजेक्ट के ठेके उनके नाम और उनके करीबियों के नाम दर्जनों प्लाट हैं। इनकम टैक्स की रेड जब रमेश गंगवार के ठिकानों पर पड़ी तो वहां से टीम को कुछ कागजात मिले हैं।
इन कागजों में शहर के कई बड़े बिल्डरों के साथ पार्टनरशिप है। बरेली स्मार्ट सिटी में काम करने वाले एक बिल्डर का भी नाम है। इसके अलावा बरेली में तैनात रहे एक आईएएस अफसरों की करीबी चौकड़ी के बिल्डर और ठेकेदार भी इनकम टैक्स के रेडार पर हैं।
उनके घरों और प्रतिष्ठानों व दोस्तों और करीबियों के यहां छानबीन चल रही है। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को भी जांच पड़ताल चलेगी। इस दौरान टैक्स चोरों ने दस्तावेजों को ठिकाने लगाने की काफी कोशिश की है। कुछ खुफिया जगहों पर पेटियों और बोरों में कागज छिपाये गये हैं।
500 करोड़ की टैक्स चोरी की आशंका पर एक साथ पड़ी रेड
रमेश गंगवार कई आईएएस अफसरों के रुपये ठिकाने लगाने का मुखौटा है। उन अफसरों की पार्टनरशिप है। यही वजह है कि अधिकारी रमेश गंगवार के घर पर नतमस्तक रहते हैं। कई अफसरों के साथ आर्थिक संबंध भी हैँ।
इनकम टैक्स की टीम मोबाइल की काल डिटेल, इंटनरेट काल और बैंकिंग लेनदेन के माध्यम से उन आईएएस अफसरों का मुखौटा उतारने की तैयारी में है जो कि लखनऊ से लेकर यूपी में कई जगहों पर तैनात हैं।
इनमें कई आईपीएस अफसर भी हैं। जिन्होंने अपनी काली कमाई रमेश गंगवार के धंधों में लगाई है। इसी वजह से रमेश गंगवार से ज्यादा अफसरों में बेचैनी और खलबली है।
दर्जन भर जगहों पर हुई छापेमारी में अब तक कई अफसर और बिल्डरों के नाम इनकम टैक्स की टीम को मिल चुके हैं। उन नामों के साथ प्रापर्टी के दस्तावेज और बैंकों से रिकार्ड खंगालने की तैयारी है। शुक्रवार तक टीम के पास रमेश गंगवार और उनके अफसर दोस्तों और बिल्डरों से जुड़े अहम साक्ष्य होंगे। इनकम टैक्स की टीम को कुछ खुफिया इनपुट बरेली से भी दिया गया है।
बिल्डर रमेश गंगवार की फर्म कई विभागों में है ब्लैकलिस्टेड
प्रेमनगर के डीडीपुरम में सत्य साईं बिल्डर्स के मालिक रमेश गंगवार की फर्म को उत्तराखंड के चीफ सेक्रेट्री ब्लैक लिस्टेड कर चुके हैँ। इसके अलावा एमडी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से भी ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है।
नगर निगम फर्म को ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई कर चुका है। हालांकि अधिकारी फाइल को छिपाये हुए हैं। पिछले दिनों नये वीसी के आने के बाद पहली बार बीडीए ने रमेश गंगवार की फर्म पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था।
रमेश गंगवार के कई अन्य ब्यूरोक्रेट्स के साथ करीबी संबंध हैं। रमेश गंगवार की डायरी में सभी अफसरों के नाम और उनके करीबियों के एकाउंट और मोबाइल नंबर हैं। जिनके जरिए रमेश गंगवार अफसरों को रकम भेजता है।
काला धन और काले कारनामों को छिपाने के लिए ओढ़ा समाजसेवी का चोला
सत्य सांई बिल्डर्स के मालिक रमेश गंगवार के बरेली के भी कुछ अफसरों के साथ काफी नजदीकी संबंध हैं। उनके घरों पर आधी रात को भी रमेश गंगवार का बेरोकटोक आना जाना है। अपने काले कारनामों और अफसरों की ब्लैकमनी को ठेकों के जरिए व्हाइट करने और करोड़ों की टैक्स चोरी को हड़पने के लिए ही रमेश गंगवार ने भाजपा और कथित समाज सेवी का चोला ओढ़ा है।
सामूहिक विवाह और दान पुन्य के जरिए वह अपनी दागदार छवि को साफ करने की कोशिश में लगे हुए हैं। अपने कारनामों पर परदा डालने और लोगों पर रौब जमाने के लिए सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहते हैं।
पिछली बार नवाबगंज से विधानसभा और इस बार बरेली लोकसभा से टिकट मांगने वालों में सबसे आगे थे। हालांकि उनकी ब्लैकमनी भाजपा हाईकमान पर कोई असर नहीं डाल पाई। टिकट तो मिला नहीं इनकम टैक्स के लपेटे में और आ गए।
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन
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