Bareilly News : भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर

डॉ (श्रीमती) रूपसी तिवारी, इससे पूर्व एटिक की प्रभारी रही हैं तथा इन्होंनेे पशुधन मालिकों और अन्य हितधारकों को प्रभावी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए विभिन्न ई-लर्निंग सिस्टम और प्रसार पद्धतियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्यमिता सृजन के लिए 30 शैक्षिक वीडियो के अलावा 20 बहुभाषी मोबाइल ऐप्स और 11 आवश्यकता आधारित सूचना/विशेषज्ञ प्रणालियों को विकसित किया है।
ये प्रणालियां भारत के 25 राज्यों और दुनिया के 134 देशों में फैली हुई हैं। डा. तिवारी द्वारा अनेको प्रसार गतिविधियों में सहयोग किया गया जिसमें प्रशिक्षण, गोष्ठी, इंटरफेस मीट, आकाशवाणी पर फार्म स्कूल, किसान मेला, प्रदर्शनियां आदि शामिल हैं इसके अलावा इन्होंने उद्यमिता विकास में मदद की है। इन्होंने पीजी छात्रों का मार्गदर्शन किया, तथा अनेकों शोध पत्र, पुस्तकें, मैनुअल/ई-मैनुअल/मोनोग्राफ,कृषि प्रकाशन प्रकाशित किए अनेकों व्याख्यान दिए।
डा. रूपसी तिवारी को अनेको पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें उत्कृष्ट शिक्षकों के लिए आईसीएआर-भारत रत्न डॉ. सी. सुब्रमण्यम पुरस्कार, आईसीएआर-स्वामी सहजानंद सरस्वती प्रसार वैज्ञानिक पुरस्कार, आईसीएआर-डॉ राजेंद्र प्रसाद पुरस्कार, आईसीएआर-गणेश शंकर विद्यार्थी हिंदी कृषि पत्रिका पुरस्कार शामिल हैं इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थाओं द्वारा 27 पुरस्कार/फैलो तथा 44 सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार उत्कृष्ट शिक्षण एवं शोध प्रसार गतिविधियों के लिए दिये गये हैं।
संयुक्त प्रसार शिक्षा निदेशालाय का उद्देश्य राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुसंधान, शिक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कृषकों एवं पशुपालकों के हितों हेतु क्षमता निर्माण में समन्वय करना है। उन्होंने कहा कि शोध में प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ डिजीटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया जायेगा।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

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