Bareilly news : पानी पियो तो याद करो प्यास हुसैन की

हज़रत इमाम हुसैन (अ0व0) की पैदाईश में खुशी मनाना व मुबारकबाद पेश करना सुन्नते रसूल (स0अ0व0) है।

(डाॅ0 कमाल मियाँ नियाज़ी) ़ सय्यदना शहीदे करबला नवासा-ए-रसूल इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की यौमे पैदाइश (जन्म दिन) के मौके पर फैज़ान-ए-नियाज़िया वैलफेयर सोसायटी के अराकीन ने शहर के विभिन्न-विभिन्न जगह जिसमें कुतुब खाना घण्टाघर, मलूकपुर फतेहनिशान, कर्बला बाकरगंज, पुराना शहर के कई इलाकों में शरबत व पानी की सबीलंे लगाकर इमाम आली मकाम की तालीमात व उनकी जिन्दगी पैदाइश के बारे में लोगों को जानकारी दी इसमें हर मज़हब व मिल्लत के लोगों बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। सोसायटी के अराकीनों ने लोगों को बहुत अदब के साथ दिन भर शरबत व पानी पिलाया। इस मौके पर सोसायटी के बानी डा0 कमाल मियां नियाज़ी ने इमाम आली मकाम की विलादत को बहुत ही अदब व अकीदत से मनाने की अपील की और बताया की जब इमाम हुसैन ़(अ0स0) की पैदाईश हुई तो रसूले अकरम (स0अ0व0) बेईन्तेहा खुश हुए और हज़रत अली (क0व0) से फरमाया कि मुबारक हो और तमाम सहाबा ने भी इमाम हुसैन (अ0स0) की पैदाईश पर हज़रत अली को मुबारकबाद पेश की इसलिए हम सभी लोगो को जो रसूले अकरम (स0अ0व0) से सच्ची मोहब्बत रखते है और गुलामी का दावा करते है उन्हे इमाम हुसैन (अ0स0) की यौमे पैदाईश (जन्म दिवस) बहतु अदब, एहतराम व खुशी के साथ मनाना चाहिए। आप की तालीम को सारी दुनिया तक पहुंचाने पर ज़ोर दिया ताकि लोग इमाम की ज़िन्दगी और तालीम को अच्छी तरह समझ सकें। तभी हम सच्चाई, ईमानदारी के साथ ज़िन्दगी गुज़ारेगे और कभी जुल्म, झूठ, दहशतगर्दी के सामने अपना सर न नीचे करेंगें, बल्कि इसके खिलाफ अपनी आवाज़ हमेशा बुलन्द करेंगे। क्योंकि इमाम हुसैन अलैहिस्सालम की सारी जिन्दगी इन्सानियत, ग़रीब व कमज़ोरों की मदद मंे गुजरी है। अगर हम इमाम हुसैन से सच्ची मोहब्बत का दावा करते हैं तो इमाम के बताये हुये रास्ते पर चलना चाहिए। उसके लिए हमें कितनी ही परेशानी का सामना करना पड़े क्योंकि यही इमाम से सच्ची मोहब्बत व खिराज-ए-अकीदत पेश होगी। हज़रत इमाम हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ी और खुद शहीदी का जामा पहनकर पूरी दुनिया में अमन और एकता का पैगाम दिया है। जिस वजह से आपको हर मज़हबो मिल्लत के लोग मानते हैं। सोसायटी के अध्यक्ष हमज़ा मियां नियाज़ी ने लोगों से अपील की कि वह पानी जैसी कीमती चीज़ बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि हमें पानी की अहमियत को समझना चाहिए पानी को किसी भी हाल में बर्बाद नहीं करना चाहिए। इस्लाम में पानी बर्बाद न करने की ताकीद की गयी है। कुरान-ए-करीम में अल्लाह तआला ने साफ भेजा है कि किसी भी चीज़ को बगैर ज़रूरत बर्बाद करने से सख्ती से मना किया है। खास तौर से पानी जैसी बहुमूल्य चीज़। पानी की असलियत जो प्यास से तड़प रहा है वही समझ सकता है। पानी की कद्र करबला वालों से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। इसमें मुख्य रूप से अली जैन नियाज़ी, मुत्तक़ी नियाज़ी, सय्यद यावर अली नियाज़ी, राशिद नियाज़ी, आफताब उन नबी, हसीन नियाज़ी, मो0 वसीम नियाज़ी, मुस्लिम नियाज़ी, सूफी नसीम उर रहमान, एड0 अवरेज़ नियाज़ी, हाफिज़ साजिद नियाज़ी, मुजाहिद नियाज़ी, फैज़ नियाज़ी, यामीन नियाजी़,अहमद रजा नियाजी आदि बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।

 

बरेली से ब्यूरो चीफ़  अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !

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