डॉ भगवान शरण भारद्वाज उप्र सरकार संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान से होंगे सम्मानित
बरेली उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया जायेगा डॉ भगवान शरण भारद्वाज बरेली कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष के पद से सन 2008 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका पूरा जीवन साहित्य और समाज की सेवा में बीता। ललित निबंध, नवगीत, व जीवनी साहित्य में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। भारत में हिंदी साहित्य में जीवनी साहित्य पर शोध करने वाले वे पहले साहित्यकार थे। राम कथा, कर्मयोग, नवगीत: सर्जन और समीक्षा, आँसूं और शोले
अब को बात दे लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा सम्मानित किया जाएगा यह खबर जैसे ही उनके परिवार को लगी तो खुशी की लहर दौड़ गई आपको बताते चलें कि बरेली कॉलेज के पूर्व साहित्यकार भगवतशरण भारद्वाज हिंदी में महारत हासिल थी उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान काफी किताबों का विमोचन किया और काफी किताबों को लिखा भी जिसको लेकर लखनऊ हिंदी विभाग ने संज्ञान में लेते हुए भरद्वाज को सम्मानित करने का निर्णय लिया आपको बता दें इस समय बीमारी से ग्रस्त हैं लेकिन सम्मानित होने का जैसे ही उन्हें पता चला तो उन्होंने साफ़ कहा इस उम्र में सम्मान तो सरकार कर रही है लेकिन अगर यह सम्मान इससे पहले होता तू मुझे और खुशी होती है भारद्वाज ने अपनी सबसे पहली किताब चीन के युद्ध के दौरान सबसे पहली किताब आंसू और शोले नाम से लिखी जो काफी लोगों ने पसंद की थी उसके बाद तमाम किताबों का लिखने का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने डाँ भरद्वाज को सम्मानित नहीं किया डाँ भारद्वाज का कहना है कि भाजपा सरकार में उन्हें सम्मानित किया जा रहा है इसको लेकर वह अपनी खुशी नहीं रोक पा रहे हैं