Bareilly news : ग्रांड फिनाले सीजन-3 के डांस एंड लाइव सिंगिंग समारोह में सजी गीत संगीत की महफ़िल

पंजाबी, गुजराती, नेपाली, पहाड़ी, हिंदी और इंग्लिश गीतों की धुन पर थिरके बच्चे

बरेली। समय- एक बजे दोपहर। दिन रविवार । स्थान- फ्यूचर कॉलेज का सभागार। सभागार के स्टेज पर बजने वाले गीतों पर थिरकते कदम। चमकते दमकते सतरंगी प्रकाश के बीच ग्रांड फिनाले सीजन-3 के डांस एन्ड सिंगिंग कॉम्पिटिशन ने धूम मचा दी। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए नन्हे मुन्ने और सीनियर प्रतिभागियों ने जब संगीत की थाप पर थिरकना शुरू किया तो हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दोपहर एक बजे से सजी गीत संगीत की महफ़िल रात 9 बजे तक चलती रही। समारोह में नई पुरानी फिल्मी गीतों के अलावा पहाड़ी, गुजराती, नेपाली, राजस्थानी और अंग्रेजी सांग्स पर होनहार प्रतिभागियों ने नृत्य का प्रदर्शन किया। ज्यूरी ने प्रत्येक प्रतिभागी के नृत्य और गीत गाने की कला को बारीकी से परखा। उसके बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को उनकी योग्यता के हिसाब से प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार निदेशक राजेश अग्रवाल, हर्षित अग्रवाल ने प्रदान किए।

रविवार अपरान्ह एक बजे समारोह की शुरुआत जूनियर वर्ग के प्रतिभागियों की सहभागिता से हुई। नन्हीं सी प्रतिभागी प्रियांशी ने फिल्मी गाने पर डांस करके की। उसके बाद प्रज्ञा गोस्वामी का डांस भी सराहा गया। सौरभी थापा ने रंग बिरंगे परिधानों में नेपाली गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अब बारी थी मान्या की। जब उसने रघुकुल रीति सदा चलि आई… प्राण जाएं, पर वचन न जाई पर नृत्य किया तो हाल के दर्शक उसकी प्रतिभा की तारीफ किए बिना नही रह सके। अर्चना ठाकुर ने पंजाबी गीत चढ़ती जवानी तेरा गोरा गोरा रंग नी…। इशिता ने सुन री सखी, मेरी प्यारी सखी, ये दिल कहीं खोया है मेरा…और पिया तोह से नैना लागे रे.. गीतों पर डांस प्रस्तुत करके महफ़िल लूट ली। विराज ने हरे राम, हरे कृष्णा गीत पर नृत्य करके दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मिस्टी ने तू चीज बड़ी है मस्त मस्त… और पारियों जैसा हुस्न है पाया पर आकर्षक डांस प्रस्तुत कर दर्शकों के बीच समा बांध दिया। अनिका का लैला हूँ लैला, हर कोई चाहे मुझसे मिलना अकेला और अरिहंत ने दिल में बजी घंटियाँ.., छह साल के नाइनटीन ने तेरे नाम की ज्योति ने सारा लिया था —गीतों पर आकर्षक डांस करके दर्शकों को वाहवाही बटोरी। साक्षी भी कहां पीछे रहने वाली थी। उसने मांगता है तो आजा नही तो मैं ये चली गीत पर जब अपना जादू बिखेरा तो गीत संगीत की ये महफ़िल अपने परवान पर पहुंचती दिखाई दी। शाम 5 बजे तक जूनियर प्रतिभागियों ने नृत्य का जलवा बिखेरा। उसके बाद सीनियर और फिर सुपर सीनियर प्रतिभागियों ने मधुर आवाज में नए पुराने फिल्मी गीत गाए। ज्यूरी कमेटी में नीलिमा सक्सेना, आशा अग्रवाल और ऋषभ सक्सेना ने प्रतिभागियों के विजेताओं का निर्णय किया। अंत में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। निदेशक राजेश अग्रवाल, हर्षित अग्रवाल ने गीत संगीत प्रतियोगिता में में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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