Bareilly News : नाथ नगरी सुरक्षा समूह द्वारा 4 दिसंबर को बरेली कॉलेज के मैदान
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नाथ नगरी सुरक्षा समूह द्वारा 4 दिसंबर को बरेली कॉलेज के मैदान
बरेली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनो से अराजकता का वातावरण बना हुआ है। यहां कट्टरपंथी समूहों द्वारा हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों पर बर्बर हमले किए जा रहे हैं।
उनकी हत्या की जा रही है, घरों और संपत्तियों को आग लगाई जा रही है, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा हैं इन कट्टरपंथियों का दंश सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे झेल रहे हैं जिस प्रकार उनके ऊपर किया जा रहे अत्याचारों के समाचार आ रहे हैं उन्हें सुनकर रूह कांप रही है।
बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस प्रकार आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे आरोपियों को जेल से रिहा किया है उससे कट्टरपंथियें के हौसले बुलंद हैं वे बड़े-बड़े समूह में अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मस्थलों पर हमले कर रहे हैं, मंदिरों को तोड़ रहे हैं और उनकी पवित्रता को भंग कर रहे हैं और वहां की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
बांग्लादेश की सरकार इन कट्टरपंथियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की जगह अपने जीवन, संपत्ति और धार्मिक अधिकारों की रक्षा की शांतिपूर्ण तरीके से मांग कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों का दमन करने पर उतारू है उनके विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है और गोलियां बरसाई जा रही है।
संत चिन्मय कृष्ण दास जी और उनके शिष्यों की गिरफ्तारी इसका ज्वलंत उदाहरण है बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध कट्टरपंथियों की बर्बर हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र संघ और मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाओं की चुप्पी इनके दोहरे रवैया को दिखाती है।
बांग्लादेश में हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध हो रही हिंसा के विरोध में आवाज बुलंद करने के लिए नाथ नगरी सुरक्षा समूह द्वारा 4 दिसंबर 2024 दिन बुधवार को दोपहर 1:00 बजे से बरेली कॉलेज के मैदान में एक आक्रोश सभा का आयोजन किया जाएगा।
आक्रोश सभा के पश्चात जिला प्रशासन के माध्यम से भारत सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के विरुद्ध बर्बरता कर रहे कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वह बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाएं यदि मोहम्मद यूनुस की सरकार किसी प्रकार की आनाकानी करें तो उससे आर्थिक तथा राजनयिक संबंध तोड़ लिए जाएं।
इसके अलावा हम संयुक्त राष्ट्र संघ और मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाओं से भी मांग करते हैं कि वह बांग्लादेश में हो रही बर्बरता के विरुद्ध प्रभावी हस्तक्षेप करें ताकि वहां रह रहे हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के जीवन संपत्ति और धार्मिक अधिकारों की रक्षा हो सके।