Bareilly-राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

बरेली I किसान विरोधी बने तीन काले कृषि कानून वापस लेने , EVM के साथ लगी पेपर ट्रेल मशीन से निकलने वाली पर्चियों का 100 % मिलान करने या फिर बैलेट पेपर से चुनाव कराने हेतु एवं अन्य हम लोग निम्न मांग करते हैं ।
केन्द्र की सरकार द्वारा अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह बात निश्चित कर दी गयी कि केन्द्र सरकार ओबीसी की जाति आधारित जनगणना 2022 की जनगणना में भी नहीं कराएगी । जैसा कि आप अवगत हैं कि आजाद भारत में ओबीसी की जनगणना या फिर जाति आधारित जनगणना एक बार भी नहीं करायी गयी । जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि पिछड़े वर्ग के सही आंकड़े ही नहीं आयें , जिससे ओबीसी के विकास की योजनाएँ एवं शासन प्रशासन में उनको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की नीतियां समुचित तरीके से नहीं बन पायीं और पिछड़ा वर्ग आजादी के 74 वर्षों में भी अधिकार वंचित रह गया । इसलिए पिछड़े वर्ग की जाति आधारित जनगणना होना अति आवश्यक है । इसलिए हमारी माँग है कि जाति आधारित जनगणना की जाए । इसी प्रकार से केन्द्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून लाये गये जो कि ये किसानों के विरोध में है , इससे किसान पूरी तरह से पूंजीपतियों के अधीन हो जायेगा एवं खाद्यान , दलहन , तिलहन , किसानों के मजदूर एवं तमाम गरीब तबके के लोग भुखमरी के कागार पर पहुंच सकते हैं । इसलिए हमारी मांग है तीन कृषि काले कानून वापस लिये जाएं । सुप्रीम कोर्ट द्वारा 08 अक्टूबर 2013 को यह निर्णय दिया कि केवल EVM मशीन से स्वतंत्र निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता इसलिए EVM के साथ में पेपर ट्रेल मशीन लगाया जाये । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में विधानसभा एवं लोकसभा के चुनाव में EVM के घोटाले को रोकने के लिए पेपर ट्रेल मशीन लगायी जा रही है ।

बरेली से अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !

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