Bareilly-IMA:आज़ादी का अमृत महोत्सव कवि सम्मलेन
आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर आई. एम. ए. बरेली द्वारा एक कवी सम्मलेन का आयोजन दिनांक 18 दिसम्बर, 2021 (शनिवार) को रात 9:00 बजे से आई. एम. ए. ऑडिटोरियम में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती जी की वंदना से किया गया। *आइएमए अध्यक्ष डॉ विमल भारद्वाज ने सभी कवियों का सम्मान किया, उन्होंने सभी को शाल उड़ा कर रामचरित मानस और तुलसी का पौधा सप्रेम भेंट किया। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के अनुसार ही सभी का सम्मान होना चाहिए इसलिए सभी को रामचरित मानस भेंट की गई* *डॉ विमल ने बताया कि अपनी बात रखने का कविता एक शशक्त माध्यम है, समाज का आईना होती है एक कवि की रचना* *डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी ने कार्यक्रम के सहयोगी रेडीसन होटल के मेहताब सिद्दीकी की का सम्मान कर उनको धन्यवाद दिया।* *जिसमें बरेली की प्रख्यात कवियत्री डॉ रूचि चतुर्वेदी, कवि अमन अक्षर, कवि फारुख सरल, कवि राहुल अवस्थी, कवि मध्यम सक्सेना और कवि आशू मिश्रा जी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की और श्रोताओं का मैं मोह लिया।* *कवि अमन अक्षर ने विशेष रूप से प्रभु श्री राम कविता पाठ कर सबका मन मोह लिया* कितनी ही पहेलियों को वही विराम मिल गए मोह के प्रपंच को वचन के नाम मिल गए एक हां से राम की ही सौ प्रणाम मिल गए कैकैयी की कामना से जगत राम मिल गए *डॉ रुचि चतुर्वेदी की रचना👇* लाल महावर लगे मेरे इन पाँव की चिन्ता मत करना, सीमा पर जागे रहना तुम गाँव की चिन्ता मत करना । ठिठुरन हो या कड़ी धूप हो छाँव की चिन्ता मत करना । लगे युद्ध में चोट अगर तो घाव की चिन्ता मत करना ।। *डॉ राहुल अवस्थी ने शमा बांधते हुए श्रोताओं में जोश भर दिया।* डॉ राहुल की रचना विश्वविजेता रावण कपिदल से संहारा जाता है शिशुपालों की सौ गाली तक धीरज धारा जाता है चेहरा कुचल दिया जाता है, शीश उतारा जाता है हाथ न हों ठाकुर के तो भी गब्बर मारा जाता है। कवि मध्यम सक्सेना की रचना👇 जो गांधीवादी नेता थे, गांधी की बातें भूल गए। कुछ तो अच्छे दिन आते ही जनता की रातें भूल गए।। जिनको पहुंचाया राजमहल हम गांवों पगडण्डी ने। वो ऊंचे महलों में जाकर बुनियादी बातें भूल गए। सोचो मत सत्ता के रथ पर चढ़कर सत्ता से प्रश्न करो। ही कविता सत्ता के रथ पर… जम्मू से किया, दिल्ली से करो, तुम कलकत्ता से प्रश्न करो। हे ! कविता थोड़ा और मुखर होकर सत्ता से प्रश्न करो। कवि सम्मलेन में मंच संचालन कवि मध्यम सक्सेना जी ने किया और साथी कवियों का मनोबल बढ़ाते हुए और रुचिकर शायरी एवं कविताओं द्वारा श्रोताओं को सम्पूर्ण कार्यक्रम में बांधे रखा। *कार्यक्रम संयोजक की भूमिका में डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी जी और डॉ मुरली छाबरिया ने सभी अतिथि कवियों और श्रोताओं को धन्यवाद देते हुए भविष्य में इसी प्रकार के आयोजन की कामना की।* इस अवसर पर आई. एम. ए. बरेली अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार भारद्वाज, फर्स्ट लेडी डॉ रितिका भारद्वाज सचिव डॉ एम.डी. छाबड़िया डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी, कोषाध्यक्ष डॉ आदित्य माहेश्वरी, उपाध्यक्ष डॉ आर के सिंह एवं डॉ मनोज कुमार हिरानी, श्री ओमवीर जी, श्री विक्रांत जी, पूर्व मंत्री श्री संतोष गंगवार जी, विधायक श्री राजेश मिश्रा जी (पप्पू भरतौल) डॉ राघवेंद्र शर्मा,डॉ विवेक मिश्रा, डॉ रवि खन्ना, डॉ. सत्येंद्र सिंह,डॉ राजीव गोयल, डॉ विपुल कुमार, डॉ ओ पी भास्कर, डॉ रवि खन्ना, डॉ कौशल जी, डॉ राजीव गुप्ता, डॉ पुलकित अग्रवाल,डॉ रजनीश वाष्णेय, डॉ विनोद पागरानी, श्री गुलशन आनंद, आदि उपस्थित रहे। डॉ. विमल कुमार भारद्वाज, अध्यक्ष आई.एम.ए. बरेली
बरेली से अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !