बरेली : महिलाओं के हित संरक्षण कानून संबंधी साक्षरता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बरेली की तहसील फरीदपुर में लगा जागरूकता शिविर

बरेली, 13 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वाधान में तथा उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में जिला जज श्री विनोद कुमार के दिशा-निर्देशन में दिनांक 12 जुलाई से 31 जुलाई, 2023 तक महिलाओं के हित संरक्षण कानून संबंधी साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

पैरा लीगल वालंटियर श्री शुभम राय ने कि फरीदपुर तहसील के सभागार में महिलाओं के संरक्षण कानून संबंधी साक्षरता एवं जागरूकता शिविर कार्यक्रम का शुभारंभ अपर जिला जज सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री निर्दोष कुमार ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया

कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अविनाश कुमार गौतम, उप जिलाधिकारी श्रीमती निधि डोडवाल, तहसीलदार फरीदपुर श्री विनोद चौधरी, नायब तहसीलदार सुश्री दिव्यांशी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से वरिष्ठ अधिवक्ता रिसोर्स पर्सन श्रीमती हरिंदर जीत कौर चड्डा, पारिवारिक न्यायालय से काउंसलर श्रीमती रुचि सक्सेना, महिला कल्याण विभाग से श्रीमती सुमन गंगवार, स्टाफ नर्स श्रीमती सविता, सुनीता, शालिनी, फरीदपुर कोतवाली पर उप निरीक्षक श्रीमती ज्योति त्यागी उपस्थित रही।

अपर जिला जज सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने समस्त महिलाओं को उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।

अपर जिला जज ने बताया कि महिलाओं के अधिकार, वह अधिकार है जो प्रत्येक महिला या बालिका का विश्वव्यापी समाजों में पहचाना हुआ जन्मसिद्ध अधिकार या अधिकार हैं। १९वीं सदी में महिला अधिकार संग्राम और २०वीं सदी में फेमिनिस्ट आंदोलन का यह आधार रहा है। कई देशों में यह हक कानूनी तौर पर, अंदरूनी समाज द्वारा या लोगों के व्यवहार में लागू होता है तो कई देशों में यह प्रचलित नहीं है।

कई देशों में व्यापक तौर पर मानवाधिकार का दावा निहित इतिहासिक और परम्परागत झुकाव के नाम पर महिलाओं और बालिकाओ का हक पुरुषों और बालकों के पक्ष में दे दिया जाता है।

महिलाओं के अधिकार के विषय मे कुछ हक अखंडता और स्वायत्तता, यौन हिंसा से मुक्ति, मत देने की आजादी, सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी, कानूनी कारोबार में प्रवेश करने की आजादी, पारिवारिक कानून में बराबर हक, काम करने की आजादी, समान वेतन की प्राप्ति, प्रजनन अधिकारों की स्वतंत्रता, और शिक्षा प्राप्ति का पूर्ण अधिकार है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अविनाश कुमार गौतम ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को ग्रामीण स्तर पर घर-घर तक पहुंचाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में सभी महिलाओं को जानकारी दी और महिला अधिकारों में न्याय व्यवस्था के संबंध में बताया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-46 और दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2005 की धारा-46(4) में एक महिला की गिरफ्तारी के संबंध में बुनियादी प्रक्रिया निर्धारित की गई है।

धारा-46(4) के अनुसार सामान्य परिस्थितियों में से किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और जब ऐसी असाधारण परिस्थितियां हों, तो महिला पुलिस अधिकारी को एक लिखित रिपोर्ट बनाकर, प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त करनी चाहिए, जिसके स्थानीय अधिकार क्षेत्र में अपराध किया गया है या गिरफ्तारी की जानी है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, महिला पुलिस अधिकारियों को तब जोड़ा जाना चाहिए जब एक महिला को गिरफ्तार किया जा रहा हो।

रिसोर्स पर्सन श्रीमती हरिंदर जीत कौर चड्डा ने महिलाओं के खिलाफ हो रही यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा की विस्तृत जानकारी महिलाओं को उपलब्ध कराई तथा उनकी रोकथाम के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे प्रयासों का विस्तृत उल्लेख किया गया।

पारिवारिक न्यायालय की काउंसलर श्रीमती रुचि सक्सेना द्वारा पारिवारिक मामलों में बढ़ रहे विवाद को काउंसलिंग के माध्यम से निस्तारित कराने के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिसमें काउंसलिंग सेंटर और मध्यस्थता केंद्र में आपसी विवादों को दूर करने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्री लिटिगेशन स्तर पर चलाए जा रहे कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी गई।

जिला अस्पताल से आई महिला चिकित्सक ने महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और उसके रोकथाम के संबंध में जानकारी दी। देश में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ रहे खतरे के बीच ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जानकारी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हर माह शिविर के आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें ग्रामीण स्तर पर आम जनता को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए जागरूक किया जा रहा है।

उप जिलाधिकारी श्रीमती निधि डोडवाल ने सभी महिलाओं को परिवार में हो रहे घरेलू हिंसा या दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि हर महिला अपने में सशक्त है और वह अपने ऊपर हो रहे अपराध के खिलाफ आवाज उठा सकती है इसके लिए तहसील स्तर पर सभी महिलाएं विधिक सेवा समिति के सचिव तहसीलदार से भी संपर्क कर सकते हैं।

तहसीलदार श्री विनोद चौधरी ने सभी महिलाओं को जागरूक करने और सशक्त बनाने के लिए समय-समय पर विधिक कार्यक्रमों के आयोजन पर जोर दिया तथा सभी महिलाओं को अपराध के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जागरूक किया। श्री चौधरी ने बताया कि यदि कोई महिला अपने परिवार में घरेलू हिंसा से घिरी हुई है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संपर्क नंबर या महिला हेल्पलाइन नंबरों पर भी मदद मांग सकती है।

जिला प्रोबेशन कार्यालय से सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुमन गंगवार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को निराश्रित विधवा पेंशन योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, महिला सम्मान कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में विस्तृत जानकारी महिलाओं को उपलब्ध कराई तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 1098-चाइल्ड हेल्पलाइन तथा 1090-महिला हेल्पलाइन के बारे में भी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। श्रीमती सुमन गंगवार ने कार्यक्रम में समस्त महिलाओं को बताया कि महिला अपराधों से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए जिलाधिकारी कार्यालय बरेली परिसर में स्थित जिला प्रोबेशन कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। यदि किसी महिला के साथ घरेलू हिंसा मारपीट की जा रही है तो उस महिला के पास रहने वाली कोई भी महिला सामाजिक तौर पर हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकती है, जिस पर तत्काल कार्यवाही की जाती है।

फरीदपुर कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक श्रीमती ज्योति त्यागी ने सभी महिलाओं को बताया कि यदि कोई महिला विपरीत परिस्थिति में है या किसी घरेलू हिंसा से ग्रस्त परिस्थिति में फंसी हुई है या उसके साथ कोई खतरा उत्पन्न हो रहा है तो वह सरकार द्वारा चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन करके सूचना दर्ज कराएंगे, जिसके अनुपालन में नगर क्षेत्र में 07 से 15 मिनट के अंतराल में पुलिस बल आप की सुरक्षा के लिए और सहायता के लिए आपके बताए गए स्थान पर सहायता हेतु उपलब्ध हो जाएगा। जिसके पश्चात आप पुलिस बल को अपने साथ घटित घटना की जानकारी देकर, मौखिक और लिखित शिकायत दर्ज करा न्याय प्राप्त कर सकती हैं।

तहसील फरीदपुर के विभिन्न ग्रामीण कार्यक्रम में 60 से ज्यादा महिलाओं ने प्रतिभाग किया और महिला हितों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। महिलाओं द्वारा समस्त वरिष्ठ अधिकारियों से घरेलू हिंसा से जुड़े कई सवाल किए गए जिस पर मंचासीन समस्त अधिकारियों ने सभी महिलाओं को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से कनिष्ठ सहायक बालकराम, नौशाद अली, पैरा लीगल वालंटियर शुभम राय, अंकुल तिवारी, ज्वाला देव अग्रवाल के साथ तहसील के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बरेली

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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