बरेली : दशमेश पिता गुरू गोबिंद सिंघ साहिब के लखते जिगर चार साहिब जादों की याद में निकाला गया,बाल खालसा मार्च
1704 ईस्वी में दशमेश पिता गुरू गोबिंद सिंघ साहिब के लखते जिगर चार साहिब जादों- बाबा अजीत सिंघ(17) बाबा जुझार सिंघ (14)चमकौर की जंग में 10 लाख फौज का सामना करते हुए शहीदी प्राप्त की। बाबा जोरावर सिंघ (7) बाबा फतेह सिंघ (5) जिन्हें नवाब वजीर खान ने इस्लाम कबूल न करने के कारण सिरहन्द में दीवार में चिन्वा कर शहीद किया गया। मुस्लिम कवि जोगी अल्लाह यार खां लिखते हैं:- बस हिंद में एक ही तीर्थ है यात्रा के लिए, कटाए बाप ने बेटे जहां खुदा के लिए
इन्साफ़ करे ज़माना तो यकीं है, गुरू गोबिंद सिंघ का सानी ही नहीं है
साहिबजादों की याद में बाल खालसा मार्च निकाला गया, बाल खालसा मार्च माता भाग कौर ग्रुप के सेवादारों के सहयोग से सारी सेवा एवं प्रबंधन बालक बालिकाएं ही कर रहे थे, लगभग 12 बजे गुरुद्वारा जनकपुरी से आरम्भ खालसा मार्च मे सबसे आगे निशान साहिब के साथ रंजीत नगाड़ा बजा कर खालसा मार्च आने की सूचना खूबसूरत निहंग ड्रेस में 12 वर्ष का बालक दे रहा था,
5 बाल निशानची, बाल पंज प्यारे, (श्री गुरू ग्रंथ साहिब जो कि फ़ूलों से सुसज्जित वाहन में बिराजमान थे) की अगुवाई कर रहे थे।
छोटे छोटे निहंग ड्रेस में बच्चे बहुत ही आकर्षक लग थे। छोटे छोटे बच्चे गुरबाणी कीर्तन कर रहे थे। खूबसूरत पोशाकों में बालक बालिकाएं गुरुमुखी लिपि के अक्षरों को लेकर चल रहे थे। सिक्ख रेजिमेंट,थल सेना, एवं नेवी सेना बाल ड्रेस में चल रही थी, विभिन्न स्कूली बच्चे खालसा मार्च की की शोभा बढ़ा रहे थे। सुन्दर खालसाई ड्रेस मे गतका के हैरतअंगेज कारनामे (युद्ध प्रदर्शन) बच्चे कर रहे थे। शहादत से संबंधित चित्र प्रदर्शनी भी खालसा मार्च में मौजूद थी। सबसे पीछे गुरू की संगत गुरुबाणी कीर्तन कर रही थी। बाल कवि
कविश्री गायन एवं शहीदी इतिहास बताते चल रहे थे। अंत में बालक बालिकाएं सड़क पर फैली गंदगी साफ करते चल रहे थे। शाम 5 बजे बाल खालसा मार्च का समापन गुरुद्वारा मॉडल टाउन मे हुआ।
यहाँ पर गुरू साहिब का शुक्राचार्य कर सबने गुरू का लंगर ग्रहण किया।
विभिन्न संस्थाओं एवं संगत ने जगह जगह मार्च का स्वागत एवं प्रसाद वितरित किया गया।
संचालन मुख्यतौर पर बालक बालिकाएं ही कर रहे थे जिसमें सहयोग कर रहे थे:-
राजिंदर सिंघ, मालिक सिंघ मनु बख़्शी, परमजीत सिंघ, जगबीर सिंघ, मनदीप सिंघ, हरनाम सिंघ, जसदीप सिंघ, रजनीत कौर, गुरमीत सिंघ, सुुप्रीत सिंघ, सहज आदि कर रहे थे।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन