राममन्दिर परिसर विस्तारित करने के लिए हुए बैनामे — मंदिर की नीव खुदाई में मिट्टी मिलने से फंसा पेंच अब निकलेगा ? — निर्भय सक्सेना-

अयोध्या में राम मंदिर की नीव की खुदाई में 40 फिट पर प्राकृतिक मिट्टी तो मिल गई है पर उस मिट्टी की जांच रिपोर्ट का अभी आई आई टी मद्रास से आने में 10 से 15 दिन लग सकते हैं। इसी के बाद अब तक फंसा पेंच निकलने पर ही मंदिर की नीव भरने पर कार्य शुरू होगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर की 70 एकड़ भूमि के आस पास की 30 से 35 एकड़ और जमीन खरीदने के लिए भी कार्य चल रहा है। जिस क्रम में एक करोड़ की लागत से बीते दिनों राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने 676.85 वर्गमीटर भूमि का दीप नारायण से एक बैनामा कर भी लिया है। राम मंदिर ट्रस्ट के पास अब रुपए की भी फिलहाल कोई कमी नही है। निधि समर्पण के 44 दिवसीय अभियान में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिल भी ट्रस्ट के खाते में आ चुकी है।

अभी चेक से मिली धनराशि बैंक में जमा हुई राशि में और जुड़ना बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब मंदिर का भूमि पूजन किया था तब बताया गया था कि मंदिर की 70 एकड़ भूमि में से लगभग 5 एकड़ भूमि पर ही 8 कोण तथा 5 गुम्बद वाला राम मंदिर 39 माह में पूरा होने की दिशा में तेजी से कार्य होगा। इसके बाद जब मंदिर की नींव की खुदाई शुरू हुई तो नीव में बालू मिलने के कारण काम मे काफी गतिरोध हुआ जिसका अभी निस्तारण होना भी शेष है। अब जाकर जब 400×250 के भूभाग में 40 फूट की गहराई पर जाकर अब प्राकृतिक मिट्टी मिली जिसे इसी माह में जांच को आई आई टी मद्रास भेज दिया गया है जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद ही नीव भराई का कार्य शुरू होगा। 1200 पिलर भी बनेंगे। भरतपुर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से गुलाबी पत्थर के खनन पर सरकारी रोक से मंदिर के लिए गुलाबी पत्थर अब मिर्जापुर एवम जोधपुर से लेने की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। 5 गुम्बद वाले 260 फुट लंबे, 235 फुट चोड़े, 161 फुट ऊंचे राम मंदिर की अनुमानित लागत 1500 करोड़ रुपए आंकी गई थी। राम जन्मभूमि तीर्थ शेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद राम गिरी के अनुसार इस के विपरीत समर्पण निधि जुटाने में 2100 करोड़ रुपये मिले जो 600 करोड़ अधिक हैं। पर नीव भरने और पत्थर पर अधिक धनराशि व्यय होने से मंदिर की अनुमानित लागत बढ़ सकती है। जिसके लिए विदेश में बसे भारतवासियो से भी चंदा लेने की योजना बन रही है। सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन की मैराथन बहस के बाद 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से 5 जजों की पीठ से राममंदिर के पक्ष में फैसला आया था। अयोध्या में अक्टूबर 2020 में फिल्मी कलाकारों का रामलीला मंचन एवम चौथा दीपोत्सव भी भव्यता से मनाया गया था। दीपावली पर देश के लोगो ने राममन्दिर के प्लेटफार्म पर वर्चुअल दीप भी प्रज्वलित कर रिकार्ड बनाया था। अब मार्च 2021में भी अभी राममन्दिर की नीव पर ही काम अटका हुआ है जबकि1200 पिलर निर्माण के लिए जून 2021 के लक्ष्य लार्सन एवम टाटा कंपनी को दिया गया था। अयोध्या के रेलवे जंक्शन पर भी मंदिर की तर्ज पर 104 करोड़ की लागत से नई रूपसज्जा देने, कई रेल रूट को जोड़ने पर भी काम चल रहा है। जिससे रेल के राम सर्किट से प्रयागराज, मथुरा, बनारस भी जुड़ सकेंगे। अयोध्या धाम का बस का नया टर्मिनल भी बन रहा है। राम सीता रसोई में भी निशुल्क भंडारा देने की व्यस्था बनाई गई है। नव्य अयोध्या की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। संघ के प्रमुख लोगो ने मार्च 2021 में मंदिर का दौरा कर कार्य की प्रगति की जानकारी भी ली। उत्तर प्रदेश सरकार 14 शहरो के विकास पर भी योजना तैयार कर रही है जिसमे बरेली का नाथ सर्किट भी शामिल है। निर्भय सक्सेना पत्रकार बरेली मोबाइल 9411005249 706205249

 

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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