अयोध्या-डायरी मे लिखे 60 पन्नो की पडताल से हुआ खुलासा – श्रद्धा ने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर किया सुसाइड

पीएनबी बैंक की अधिकारी श्रद्धा ने शादी से इनकार किया तो मंगेतर करने लगा ब्लैकमेल,

आईपीएस से दोस्ती की धमकी देकर बनाता था दवाव

अयोध्या मे पंजाब नेशनल बैंक की असिस्टेंट मैनेजर श्रद्धा गुप्ता की खुदकुशी के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि श्रद्धा को उसका पूर्व मंगेतर विवेक ही ब्लैकमेल कर रहा था। श्रद्धा ने जब विवेक का चाल चलन देखकर उससे शादी से इंकार कर दिया तो उसने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसके लिए वह अपने आईपीएस दोस्त आशीष के नाम का सहारा लेता था। आशीष भी दोस्त विवेक की पूरी मदद करता था। दोनों का रिश्ता जनवरी 2020 में पक्का हुआ था लेकिन कोरोना के चलते शादी नहीं हो पाई दोनों की मुलाकात शुरू हो गई थी।

इसी दौरान श्रद्धा को पता चला कि विवेक के कई लड़कियों के साथ अफेयर हैं। विवेक की करतूतें जानकर श्रद्धा ने शादी से कर दिया था इंकार। श्रद्धा के परिजनों का कहना है कि शादी तय होने के बाद विवेक का श्रद्धा से मिलना जुलना शुरू हो गया था। विवेक की बुरी आदतों की जानकारी लगी तो उसने शादी से इंकार कर दिया था। आईपीएस दोस्त आशीष तिवारी ने भी श्रद्धा पर शादी का दवाव बनाया था।

श्रद्धा ने डायरी के 60 पन्नों में पूरा वाक्य लिखा है। विवेक का चाल चलन कैसा था। उसकी हरकतों की जानकारी मिलने के बाद ही उसने उससे दूरी बनाई। श्रद्धा ने लिखा है कि विवेक से जब उसने दूरी बनाई तो वह ब्लैक मेलिंग पर उतारू हो आया।

अयोध्या में श्रद्धा की पोस्टिंग बीते 5 सालों से है। जनवरी 2020 में विवेक और श्रद्धा की शादी तय हुई। विवेक से आशीष की पुरानी दोस्ती है,लखनऊ में रहने के दौरान ही दोनों की दोस्ती हुई है। विवेक एचसीएल कंपनी में आईटी हेड है। विवेक की हरकतें जानकर श्रद्धा ने शादी से इनकार किया तो वहां एसएसपी रहे आशीष ने उन पर कई तरह से दबाव बनाए। श्रद्धा ने मां को भी बताया था विवेक परेशान कर रहा है। पिता ने बताया कि कई बार विवेक को समझाने का प्रयास किया मगर वह हर बार यही कहता कि मेरी पहुंच पुलिस के बड़े अधिकारियों तक है। अगर मुझे परेशान करोगे तो बहुत बुरा होगा। मेरी बेटी हर हफ्ते लखनऊ में मिलने आती थी। पिछले 15 दिनों से वह काफी परेशान थी। श्रद्धा ने अपनी मां को बताया था कि विवेक परेशान कर रहा है। इतना ही नहीं वह बड़े-बड़े पुलिस अफसरों से फोन करा कर मानसिक रूप से परेशान कर रहा है। इसके बाद हम लोगों ने उसे समझा कर भेज दिया।

 

 

सुल्तानपुर से अत्रि कुमार पाठक की रिपोर्ट !

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