पराली न जलाने का संदेश देगी जागरूकता वैन कृषि अवशेष अपशिष्ट को खाद बनाने, पशुओं के चारे के रूप में करें उपयोग: डीएम

इसी के तहत बुधवार को जिलाधिकारी सुखलाल भारती ने कृषि व किसान कल्याण विभाग के प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिले के गांवों में किसानों को पराली को जलाने की बजाय कृषि विभाग द्वारा बताए गए तरीकों के साथ पराली का निपटारा करने के लिए वाहन जागरूक करेंगे।
इस मौके डीएम ने बताया कि पराली की सही तरीके के साथ संभाल की जाए तो इसके साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और किसान की आमदन में वृद्धि होती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह लंबे समय के लिए टिकाऊ खेती माडल को समझें, क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी ने भी इसी जमीन व खेती करनी है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी जमीन की सेहत के साथ खिलवाड़ न करें और आग लगाकर जमीन के खुराकी तत्व नष्ट न करें। उन्होंने खेतीबाड़ी विभाग को हिदायत की है कि वह किसानों का हर तरीके के साथ मार्गदर्शन करें। इस मौक पर जिला कृषि अधिकारी एमपी सिंह, सुधीर तोमर सहित कृषि विभाग के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।
एसएमएस के बिना वाली कंबाइन होगी जब्त, किसान पर लगेगा जुर्माना
जिलाधिकारी ने कहा कि इस साल बिना एसएमएस वाली कंबाइन के साथ धान की कटाई की आज्ञा नहीं होगी और ऐसी कंबाइन जब्त कर ली जाएगी और पराली जलाई गई तो 2 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों के लिए 2500 रुपए, 5 एकड़ भूमि रखने वाले लघु कृषकों के लिए 5000 रुपए, 5 एकड़ के अधिक भूमि रखने वाले कृषकों पर 15000 रुपए का दंड लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना की महामारी के कारण जरूरी है कि धान की पराली को बिल्कुल न जलाया जाए क्योंकि इसके साथ कोविड मरीजों के लिए पराली का धुआं बड़ी समस्या बन सकती है।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !

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