अवनी ने अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर साबित कर दिया , कि दुनिया का कोई काम महिलाओं के लिए मुश्किल नहीं है

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भारत ने सेना में 2015 में सरकार ने लैंगिक आधार पर भेदभाव करने वाली पॉलिसी खत्म की। साल 2016 में जब अवनी वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन बनी. इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले फाइटर प्लेन उड़ाकर इतिहास रच दिया है. वह फाइटर प्लेन को अकेले उड़ाने वाली देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं. बता दें, अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं.

अवनी ने मिग-21 बाइसन को अकेले ही उड़ाया है. आइए जानते हैं देश की इस जांबाज लड़की के बारे में कुछ खास बातें. अवनी रीवा जिले से है जो मध्य प्रदेश में एक छोटा सा गांव है. उन्हें अपनी दो साथियों- मोहन सिंह और भावना कंठ के साथ पहली बार लड़ाकू पायलट घोषित किया गया था. 22 वर्षीय अवनी ने अपनी ट्रेनिग हैदराबाद की वायु सेना अकादमी से पूरी की थी. उनके पिता इंजीनियर और माता एक गृहिणी हैं. चतुर्वेदी को टेनिस खेलना और चित्रकारी करना पसंद है. जिसके बाद उन्होंने तय किया कि वह भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगी. साल 2016 में जब अवनी वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन बनी थीं. तब उन्होंने कहा था कि ‘हर किसी का सपना होता है कि वो उड़ान भरें. अगर आप आसमान की ओर देखते हैं तो पंछी की तरह उड़ने का मन करता है. वह कहती हैं, ‘आवाज की स्पीड में उड़ना एक सपना होता है और अगर ये मौका मिलता है तो एक सपना पूरे होने के सरीखा है.

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