औरंगाबाद के DM के घर-ऑफिस पर रेड, नकली जमीन मालिक को दिलाया 2 करोड़ रु. का मुआवजा

ab पटना/औरंगाबाद/सासाराम.    नवीनगर बिजली परियोजना में हुए 2 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले में सीबीआई मुख्यालय ने एफआईआर दर्ज करने के बाद शुक्रवार को औरंगाबाद के डीएम कंवल तनुज  के छह ठिकानों पर छापेमारी की। डीएम आवास व कार्यालय के अलावा  नवीनगर सीओ कार्यालय व बीआरबीसीएल बिजली परियोजना में घंटों तलाशी ली गई। इस दौरान जांच टीम ने डीएम आवास व कार्यालय से जमीन से संबंधित सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया।

लखनऊ से लेकर नोएडा तक जांच

– फिलहाल संपतियों से जुड़े दस्तावेज का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा यूपी में लखनऊ से लेकर नोएडा तक डीएम से जुड़े ठिकानों पर भी जांच की गई।

– डीएम पर असली जमीन मालिक के बदले नकली को बीआरबीसीएल से 2 करोड़ से अधिक अवैध तरीके से भुगतान कराने का आरोप है। इस बीच देर शाम डीएम की गिरफ्तारी की भी चर्चा औरंगाबाद से पटना तक उड़ने लगी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

– डीएम कंवल तनुज ने जमीन के असली मालिक के बदले अवैध तरीके से दूसरे को खड़ा कर दो करोड़ रुपए से ज्यादा का अवैध भुगतान करा दिया। जमीन मालिक पीएमओ में इसकी शिकायत कर दी।

जमीन मालिक रोहतास जिले के तिलौथू इलाके का रहने वाला है, जबकि भुगतान नवीनगर मंगल बाजार के उसी नाम के दूसरे व्यक्ति को किया गया। इसी मामले में सीबीआई ने 21 फरवरी को दिल्ली में मामला दर्ज किया।

– फिर शुक्रवार को डीएम के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी का नेतृत्व दिल्ली के एसपी राजेश रंजन कर रहे थे। डीएम आवास, कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय, नवीनगर अंचल कार्यालय व बीआरबीसीएल बिजली परियोजना में छापेमारी हुई।

– 10 घंटे तक चली छापेमारी में डीएम की चल-अचल संपतियों के अहम सुराग मिले। इसका आकलन हो रहा है। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी कंवल तनुज ने 4 अगस्त 2015 को बतौर औरंगाबाद डीएम के रूप में पदभार ग्रहण किया।

दावेदार नहीं आया तो सीओ ने दी थी सरकारी जमीन की रिपोर्ट, डीएम ने पत्र लिखकर 48 घंटे में दिलाया पैसा

– नवीनगर के कजराइन मौजा की खाता संख्या 12 व खसरा एक में सात एकड़ 45 डिस्मिल जमीन से जुड़ा यह मामला है।

– इस जमीन को लेकर दो साल पूर्व नवीनगर के तत्कालीन सीओ द्वारा एक रिपोर्ट बीआबीसीएल व डीएम को सौंपी गई थी। जिसमें कहा गया था कि जमीन का कोई दावेदार नहीं है।

– इस मामले में नवीनगर सीओ के पत्रांक संख्या 22.06.2015 से यह जानकारी डीएम व बिजली परियोजना को भेजा गई थी।
– इस पत्र में यह साफ कहा गया था कि इस जमीन का कोई दावेदार नहीं है और गैर-मजरूआ सरकारी है। जबकि यह जमीन रोहतास जिले के तिलौथू इलाके के रहने वाले गोपाल प्रसाद सिंह की थी।

– लेकिन दो साल बाद इस जमीन के मालिक के रूप में नवीनगर मंगल बाजार के निवासी गोपाल प्रसाद सिंह सामने आए। डीएम ने इसी जमीन को उसके नाम रैयतीकरण करने की अनुशंसा की।

– जिसके बाद भू-अर्जन पदाधिकारी व सीओ द्वारा इस जमीन का रैयतीकरण किया गया। जिसके एवज में उन्हें भुगतान करने की अनुशंसा प्रशासन के द्वारा बिजली परियोजना को की गई।

– लेकिन बीआरबीसीएल बिजली परियोजना द्वारा भुगतान करने से मना कर दिया। फिर क्या था। डीएम कंवल तनुज ने बिजली परियोजना के अधिकारियों पर दबाव बनाया और दो करोड़ से ज्यादा का भुगतान उसके नाम करा दिया।

30 लाख के कमीशन के लिए हुआ था सारा खेल

– सूत्रों की मानें तो इस जमीन का भुगतान नवीनगर के गोपाल प्रसाद को 30 लाख के कमीशन में कराया गया था।

– बीआरबीसीएल ने रैयतीकरण होने के बाद भी जब भुगतान रोका तो डीएम अपने गोपनीय शाखा से पत्रांक 1707 दिनांक 26.05.2017 के माध्यम से बीआरबीसीएल को एक आदेश दिया कि 48 घंटों के अंदर भुगतान की जाए।

– इसके बाद बीआरबीसीएल ने एसबीआई एनटीपीसी के चेक संख्या 382224 से जमीन का भुगतान कर दिया। लेकिन चेक को दोबारा दबाव में बिजली परियोजना ने रद्द किया और पुनः जमीन मालिक के नवीनगर पीएनबी वाले खाता में आरटीजीएस के माध्यम से पैसे को ट्रांसफर कर दिया।

– फिर इस खाते से नवीनगर के एक रसूखदार नेता व इस खेल के मास्टरमाइंड के खाते में दस-दस लाख रुपए तीन बार ट्रांसफर किए गए। इतनी बड़ी रकम जमीन मालिक के खाते से आखिर एक रसूखदार नेता के खाते में क्यों ट्रांसफर की गई यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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