लखनऊ. मैनपुरी के पास हुए खतरनाक बस अग्निकांड में 4 लोग जिंदा जल गए। इसमें ड्राइवर, कंडक्टर सहित मां-बेटी भी शामिल हैं। वहीं, दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसमें लखनऊ के सौरभ श्रीवास्तवभी शामिल हैं। चेहरा बुरी तरह झुलसने के कारण वो अभी आईसीयू में हैं। रात करीब डेढ़ बजे सौरभ के भाई का मोबाइल बजा। उन्हें लगा कि भाई आ गया, लेकिन फोन पर खबर मिली की सौरभ घायल हो गए हैं और सैफई के हॉस्पिटल में हैं। इसके बाद उन्हें लखनऊ लाया गया। इस दौरान रास्ते में बार-बार बेहोश हो रहे सौरभ ने भाई को आपबीती सुनाई।
अचानक हुआ धमाका, आसपास भरा था धुआं
– सौरभ ने बताया, ‘बस में मैं 5 नंबर की सीट पर था। बस में सिर्फ 7 लोग थे। रात 11 बजे मैं सो गया। फिर 1 बजे जब गहरी नींद में था तो अचानक तेज धमाका हुआ। आंख खुली तो बस में हर तरफ धुआं ही धुआं था। जलने की गंध और धुएं से दम घुटने लगा। निकलने की कोशिश की लेकिन दरवाजा लॉक था। मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगा तो पास से गुजर रहे कुछ लो रुके। उन्होंने बस का शीशा तोड़ा। तब जाकर मैं निकल पाया। बस में से एक और युवक उतरा।’ डॉक्टर्स ने सौऱभ की स्थिति अभी गंभीर बताई है। झुलसने के साथ ही इन्फेक्शन का खतरा है।
फायरब्रिगेड के पहुंचने तक सबकुछ हो चुका था खत्म
– लोगों की मानें तो जब तक पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटनास्थल तक पहुंची उस वक्त तक आग सभी को अपने आगोश में ले चुकी थी। आग के बाद बस के अंदर का मंजर बेहद भयावह था। ज्योति और बेटी का शव बस की गैलरी में पड़ा था। कुछ ही दूरी पर बस के ड्राइवर और कंडक्टर के शव पड़े थे। डॉ. ज्योति एसजीपीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सीनियर डिमॉन्स्ट्रेटर के पद पर कार्यरत थीं।
ऐसे हुआ था हादसा
– दिल्ली से लखनऊ के लिए वॉल्वो बस रात करीब 10 बजे रवाना हुई और रात 1 बजे के करीब मैनपुरी के पास हादसा हुआ। दरअसल, इस बस के पीछे एक और बस चल रही थी, जिसका अचानक टायर फट गया। जिससे पीछे से उस बस ने वॉल्वो बस में टक्कर मारी। टक्कर से बस डिवाइडर से टकरा गई और उसके एसी में आग लग गई। आग बस में इतनी तेजी से फैली कि किसी को बचने का मौका नहीं मिला। रात होने के कारण बस में मौजूद सभी लोग सो रहे थे। मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था।