अगर आपके साथ ऑफिस में हो छेड़छाड तो शी-बॉक्स में करें शिकायत

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मोदी सरकार ने 2018 की शुरूआत में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलवाई, तो इसी कड़ी में कदम बढ़ाते हुए । महिला और बाल विकास मंत्री ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शी-बॉक्स लांच किया है । जिसमें केन्द्र सरकार की महिला कर्मचारी ऑफिस में होने वाले यौन शोषण के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगीं । महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शी-बॉक्स के लॉंच पर शी-बॉक्स के बारे में बात करते हुए कहा कि अभी केवल केंद्रीय महिला कर्मचारियों के लिए ही इसे शुरू किया गया है । लेकिन हम राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वे करवाएगें । जिसमें अॉफिस और कामकाज की जगह पर होने वाले यौन शोषण की प्रकृति को जानने के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विस्तार करते हुए इसे प्राईवेट सेक्टर के अॉफिसिज़ से जोड़ दिया जाएगा ।

she-app-580x357-box-newशी-बॉक्स का मतलब है ‘सेक्सुअल हैरसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स’। जिसमें आई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित मंत्रालय, विभाग की इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास भेज दी जाएगी । जिसके पास इसकी जांच का अधिकार होगा । यही नही, इंटरनल कंप्लेन कमेटी नियमों के मुताबिक कार्रवाई करेगी और शिकायत की स्थिति को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चेक भी किया जा सकेगा ।
मेनका गाधी नें शी-बॉक्स की खूबियां बताते हुए कहा कि पोर्टल में कैसी हरकतें यौन उत्पीड़न मानी जाएंगी यह भी बताया गया है। आपको बता दें कि वर्तमान में केन्द्र सरकार में लगभग 30.87 लाख कर्मचारी काम करते हैं । जिनमें करीब 10.93 फीसदी महिला कर्मचारी हैं। मेनका ने आगे बताते हुए कहा कि जिन ऑफिसीज़ में कोई इंटरनल कमेटी काम कर रही है तो हम वहां दखल नहीं देगें । लेकिन फिलहाल जो हमें शिकायतें मिली हैं । उनमें इंटनल कमेटी की कमी है या कमेटी में नेगेटिव सोच वाले पुरुष शामिल हैं।
मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेनका गांधी नें इस पोर्टल को ज्यादा से ज्यादा इंटरएक्टिव बनाने को कहा है , जिससे कि शिकायत कर्ता शी-बॉक्स में अपनी शिकायत का स्टेटस भी जान सकेगें । इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ लोग सीसीटीवी कैमरे लगाने को भी शोषण मानते हैं । इसलिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में यौन शोषण की परिभाषा भी दी जाएगी । जिससे कि फर्जी शिकायतों को रोका जा सके ।
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सर्वे करवाएगें । जिसमें अॉफिस और कामकाज की जगह पर होने वाले यौन शोषण की प्रकृति को जानने के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विस्तार करते हुए इसे प्राईवेट सेक्टर के अॉफिसिज़ से जोड़ दिया जाएगा ।
शी-बॉक्स का मतलब है ‘सेक्सुअल हैरसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स’। जिसमें आई कोई भी शिकायत सीधे संबंधित मंत्रालय, विभाग की इंटरनल कंप्लेन कमेटी के पास भेज दी जाएगी । जिसके पास इसकी जांच का अधिकार होगा । यही नही, इंटरनल कंप्लेन कमेटी नियमों के मुताबिक कार्रवाई करेगी और शिकायत की स्थिति को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चेक भी किया जा सकेगा ।
मेनका गाधी नें शी-बॉक्स की खूबियां बताते हुए कहा कि पोर्टल में कैसी हरकतें यौन उत्पीड़न मानी जाएंगी यह भी बताया गया है। आपको बता दें कि वर्तमान में केन्द्र सरकार में लगभग 30.87 लाख कर्मचारी काम करते हैं । जिनमें करीब 10.93 फीसदी महिला कर्मचारी हैं। मेनका ने आगे बताते हुए कहा कि जिन ऑफिसीज़ में कोई इंटरनल कमेटी काम कर रही है तो हम वहां दखल नहीं देगें । लेकिन फिलहाल जो हमें शिकायतें मिली हैं । उनमें इंटनल कमेटी की कमी है या कमेटी में नेगेटिव सोच वाले पुरुष शामिल हैं।
मंत्रालय की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेनका गांधी नें इस पोर्टल को ज्यादा से ज्यादा इंटरएक्टिव बनाने को कहा है , जिससे कि शिकायत कर्ता शी-बॉक्स में अपनी शिकायत का स्टेटस भी जान सकेगें । इसके अलावा उन्होंने कहा कि कुछ लोग सीसीटीवी कैमरे लगाने को भी शोषण मानते हैं । इसलिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में यौन शोषण की परिभाषा भी दी जाएगी । जिससे कि फर्जी शिकायतों को रोका जा सके ।

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