राष्ट्रविरोधी, नक्सलवाद व वामपंथी विचार को महाविद्यालय में नही किया जाएगा बर्दाश्त:-डॉ. सत्य भूषण सिंह
बहराइच।जिले के प्रतिष्ठित डिग्री कॉलेज किसान पीजी महाविद्यालय में नक्सलवाद व राष्ट्रविरोधी कार्यप्रणाली को लेकर महाविद्यालय के चार शिक्षकों पर आरोप लगा है।महाविद्यालय से संबंधित दो संगठन व एक स्वयं सेवी संगठन ने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि किसान महाविद्यालय की छवि धूमिल करने वाले चार शिक्षकों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाकर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।संगठनों ने आरोप लगाया है कि यह शिक्षक नक्सलवाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की ओर छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हैं तथा राष्ट्र विरोधी कार्य करने में संलग्न हैं।
ये शिक्षक महाविद्यालय में कई बार हिंसक भी हो चुके हैं।जिससे महाविद्यालय की छवि खराब होती है। जिन संगठनों ने यह मांग राज्यपाल से उठाई है उनमें अनुदानित स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ, अंशकालिक शिक्षक संघ तथा विशाल सेवा संस्थान उत्तर प्रदेश शामिल है।इस मुद्दे पर अंशकालिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. सत्य भूषण सिंह ने कहा कि महाविद्यालय प्रदेश व जिले का प्रतिष्ठित महाविद्यालय है।शांतिपूर्ण माहौल में यहां पठन पाठन का कार्य होता है।लेकिन आयोग से चयनित चार शिक्षक महाविद्यालय की गरिमा को बिगाड़ने,नक्सलवाद, वामपंथ विचार तथा अराष्ट्रवाद की भावना छात्र/छात्राओं में भर रहे है जो उचित नही है।उन्होंने आगे कहा कि महाविद्यालय को जेएनयू नही बनने देंगे।उन्होंने मांग की ऐसे शिक्षकों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाए।ज्ञापन सौंपने वालो में स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ की ओर से डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. सतीश सिंह, डॉ. एस. सी. शुक्ल तथा सभी शिक्षकों के हस्ताक्षरित पत्र सौंपा गया है।अंशकालिक शिक्षकों में डॉ.सत्यभूषण सिंह, डॉ. प्रभाकांत मिश्र, शैलेंद्र प्रताप सिंह, दिनेश कुमार शुक्ल,अशोक कुमार सिंह, आनंद पांडेय सहित अनेक शिक्षक उपस्थित थे।विशाल सेवा संस्थान की ओर से संस्था के प्रदेश सचिव विशाल कश्यप ने भी एक ज्ञापन इन शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाई करने के संबंध में सौंपा है।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !