कोविड रोधी दवा ‘2 डी जी’ ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करेगी – निर्भय सक्सेना

भारत सरकार ने अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान एवम विकास संघठन (डी आर डी ओ ) की दवा ‘2 डी जी’ दवा के 10 हजार पैकेट को भी रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह एवम स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने देश मे प्रस्तुत कर दिया जिसे एम्स दिल्ली को दिया गया है । जून माह में यह 2 डी जी दवा सभी जगह सुलभ होने की बात कही गई है। मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता भी निरंतर बढ़ ही रही है।यह भी विश्व की दवा लाबी पर आघात ही साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी देश के अनुसंधान करने वाले वैगयानिक के दम पर अभी तक विश्व की ‘हथियार लाबी’ को झटका दे रहे थे। अब ‘दवा लाबी’ भी उनके निशाने पर है। प्रधानमंत्री मोदी के नीतियों के चलते अब चीन का पूरा विश्व घेराव कर रहा है। भारत के रक्षा अनुसंधान एवम विकास संघठन (डी आर डी ओ) की इस ‘2 डी जी’ दवा को भारत के औषधि महानियंत्रक ने 8 मई 2021 को ही मंजूरी दी थी। डी आर डी ओ द्वारा विकसित कोविड रोधी इस दवा के आपात इस्तेमाल की भी मंजूरी दे दी है। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा 2 डी जी को कोरोना वायरस के मध्यम से गंभीर लक्षण मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति सहायक पद्धति के रूप में दी गई थी। यह दवा पाउडर के रूप में पैकेट में है। इसे पानी में घोल कर पीना होगा। दवा के असर की बात की जाए तो जिन लक्षण वाले मरीजों का उपरोक्त दवा से इलाज किया गया वह मानक इलाज प्रक्रिया से पहले ठीक हुए बताये गए। पिछले साल के शुरुआत में महामारी शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तैयारियां करने का आह्वान किया गया जिसके बाद रक्षा अनुसंधान एवम विकास संघठन (डी आर डी ओ) के डॉ अनंत नारायण भट्ट के साथ वैगयानिको ने इस परियोजना पर काम शुरू किया था। यह दवा ऑक्सीजन पर भी निर्भरता कम करेगी ऐसा बताया गया। स्मरण रहे भारत में ही वर्तमान में सबसे अधिक वेक्सीन का प्रोडक्शन होता है भारत मे बनी वेक्सीन की गुणवत्ता को सभी ने सराहा भी है। कोविड काल मे भारत ने काफी वेक्सीन का निर्यात भी किया था। यह पूरा विश्व भी जानता है । इसी के चलते लगता है कि दवा लाबी के दवाब में अब ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ ने अमीर देशों से बच्चों को अभी टीका नहीं लगाने की अपील की है। इससे लगता है उसका दवाब में उठाया यह कदम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह चेतावनी भी दी है कि कोविड-19 महामारी का दूसरा साल अब ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है। ऐसा लगता है उस पर भी दवा लाबी का दवाब हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अभी से बच्चों के लिए कोविड हॉस्पिटल की प्रदेश में तैयारी करने के निर्देश दिये है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिलों में अब बच्चों कर लिए सरकारी हॉस्पिटल में सभी मेडिकल सुविधाओ से युक्त अलग बार्ड भी विकसित किए जा रहे हैं। अमेरिका के विशेषज्ञ अब नए खतरे को लेकर भी चिंता में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2021 की शुरुआत से ही अमेरिकी बच्चों में कोरोना के संक्रमण के मामले वयस्कों की तुलना में ज्यादा सामने आए हैं। इससे आशंका पैदा हो गई है कि क्या कोरोना अब बच्चों के लिए भी गंभीर संकट बनने जा रहा है।। भारत में भी कई विशेषज्ञ बच्‍चों को होने वाले खतरों को लेकर चेतावनी दे चुके हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अप्रैल की शुरुआत में छोटे बच्चों से लेकर 12 साल तक की उम्र के बच्चों में कोरोना के मामले 65 या उससे ऊपर के वयस्कों की तुलना में बढ़ गए। ताजा आंकड़े भी भारत मे इस रुख के बरकरार रहने की ओर इशारा करते हैं। रिसर्च करने वालों को आशंका है कि कोरोना के वेरियंट युवाओं को नए-नए तरीके से प्रभावित कर रहे हैं।
स्मरण रहे चीन से प्रभावित होने के आरोप वाला विश्व स्वास्थ्य संगठन अब अमीर देशों से बच्चों को अभी टीका नहीं लगाने की अपील की है। विश्व स्वास्थ्य संघटन के प्रमुख ट्रेडोस एदनम ने यह आवाज अब उस वक्त उठाई है जब कई अमीर देशों ने बच्चों और किशारों को कोरोना वेक्सीन देना शुरू कर दिया है । पत्रकार निर्भय सक्सेना को कोविड एप से मिली जानकारी के अनुसार भारत में कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा बढ़कर 18 करोड़ 30 लाख पार पहुंच गया है। आई एम सी आर के अनुसार देश मे अब तक 31 करोड़ कोविड 19 से पीड़ित की जांच हुई है।

भारत मे स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह भी आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि तीसरी लहर का कोरोना वेरिएंट बच्चों को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में ले सकता है। बच्चे देश का भविष्य हैं उन्हें कोरोना की आपदा से सुरक्षित रखना जरूरी है। बाल स्वभाव को देखते हुए उनसे कोरोना प्रोटोकॉल के पूरी तरह से पालन करने की उम्मीद करना भी बेमानी है। अमेरिका में तो बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन बन गई है और 12 से 15 वर्ष तक के बच्चों में इसका वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है। कनाडा में भी बच्चों का वैक्सीनेशन प्रारम्भ हो गया है।
भारत मे कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक बच्चों की वैक्सीन बनाने के काम में जी जान से लगी हुई है। स्मरण रहे विश्व के श्रेष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वैज्ञानिक एवं विश्व स्तरीय फार्मा कम्पनियां भारत में हैं। एक अधिकारिक आंकलन के अनुसार देश में बच्चों एवं किशोरों की कुल संख्या 36 करोड़ के आस-पास होने का अनुमान है। देश मे सरकार ने अब कोरोना के इलाज से प्लाज्मा थेरेपी को हटाकर नई गाइडलाइन भी जारी की है।
देश में कोरोना संक्रमण के बिगड़ते-सुधरते हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 4 दर्जन जिलों के अधिकारियों से सीधा डिजिटल संवाद भी कर जानकारी ली। इस संवाद में तमिलनाडु, उत्तराखंड, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अधिकारी शामिल रहे। जहां कोरोना के मामले में उछाल देखा गया है। गत दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड 19 के मरीजो की सेवा में लगे डॉक्टर से सुझाव भी मांगे थे। अगर इंडियन मेडिकल एसोशिएसन के आंकड़ों की मानें तो कोविड 19 के चलते कोरोना की इस दूसरी लहर में देश के 244 डॉक्टर जिंदगी की जंग की हार गए हैं। इनमें से 50 डॉक्टरों को कोरोना ने अभी रविवार को ही हमसे छीन लिया था। यह एक दिन में डॉक्टरों की मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। राज्य में 69 फिजिशियन अपनी गंवा बैठे हैं जबकि उत्तर प्रदेश में 34 और दिल्ली में 27 डॉक्टरों की मौत हुई है। निर्भय सक्सेना मोबाइल 9411005249

 

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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