ऊपरी आहार व सफाई का सन्देश दे रहीं आंगनवाड़ी =7 से 23 माह तक के बच्चों को ऊपरी आहार सही मात्रा में देना है आवश्यक
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रामबेटी ने कविता के घर जाकर बच्चे को केवल स्तनपान करने केलिए सलाह दी और साफ- सफाई का ध्यान देने के लिए कहा |कुसुमा को भी बच्चे के लिए उनके घर जाकर ऊपरी आहार और दलिया दूध से बनी चीजों को खिलाने की सलाह दी और संगीता के घर जाकर उनके नवजात शिशु को अपने सामने स्तनपान कराया और बताया की माँ का दूध बच्चे के लिए अहम है यदि बच्चा बीमार है तो भी बच्चे को स्तनपान कराती रहे |जिससे रोगप्रतिरोधक छमता बनी रहे जिससे बच्चे को कुपोषण से बचाएं राम बेटी ने बताया की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और स्तनपान कराते समय हाथ साबुन पानी से धोएं और खाना खाने या खिलाने से पहले भी हाथ धोएं और कहा की कोरोना के चलते सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान दें मास्क का उपयोग करें और बाहर जाते समय बिना मास्क लगाय घर से बाहर न निकले मास्क और सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए उन्होंने सन्देश दिए |
गंगागढ़ की आंगनवाड़ी सुधा ने ग्रह भृमण किया और ग्रह भृमण के दौरान धात्री रिंकी को आहार के साथ समूह और उनके लाभ बताए साथ ही 7 से 23 माह तक ऊपरी आहार सही मात्रा में देना आवश्यक है साथ ही स्तनपान भी कराते रहें। बच्चों के सही पोषण के लिए चावल गेहूं ,आलू ,दालें ,दूध, दही मांस ,मछली ,अंडा ,फल ,हरी साग सब्जियां तथा पीले रंग के फल एवं सब्जियां आदि अवश्य देनी चाहिए। जिससे दैनिक कार्यों हेतु ऊर्जा एवं शक्ति, शारीरिक वृद्धि एवं विकास ,मानसिक विकास, मांसपेशियां मजबूत होती है , रतौंधी रोग से बचाव होता है।
उन्होंने बताया पालक सरसों का साग बथुआ मेथी लौकी सेम तुरई और करेला से शरीर में खून की वृद्धि होती है साथ ही बीमारियों से बचाव होता है गुणकारी सहजन के सेवन से दही से भी 2 गुना अधिक प्रोटीन, गाजर से भी 4 गुना अधिक विटामिन ए, दूध से भी 4 गुना अधिक कैल्शियम, संतरे से भी 7 गुना अधिक विटामिन सी की प्राप्ति होती है । हमें अपने आहार में सहजन का सेवन अवश्य करना चाहिए ।