आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला में अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी एडीजे कोर्ट में खारिज
लखनऊ (हर्ष सहानी) : दुष्कर्म पीड़िता और उसके साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने व षड्यंत्र रचने के आरोपी अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी को एडीजे पीएम त्रिपाठी ने बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध प्रपत्रों को देखने से स्पष्ट है कि पीड़िता द्वारा अतुल राय व तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध षड्यंत्र रचने और गवाहों को प्रताड़ित करने के अलावा उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने व सुबूत नष्ट करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी, ज्वाला प्रसाद शर्मा, अरुण पांडेय व दुष्यंत मिश्रा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट में तर्क दिया कि आरोपी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के बाद 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म के आरोपी अतुल राय को बचाने के लिए अमिताभ ठाकुर ने पैसे लेकर आपराधिक षड्यंत्र रचा था। साथ ही गवाहों को बदनाम करने व पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए अपराधियों से जोड़कर छवि खराब करने के लिए ऑडियो वायरल किया था।
जेल भेजने के आदेश को दी चुनौती
उक्त मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। बृहस्पतिवार को प्रभारी जिला जज योगेंद्र राम गुप्ता ने जेल से भेजे गए अमिताभ ठाकुर की निगरानी याचिका की ग्राह्यता पर सुनवाई करने के लिए 20 अक्तूबर की तारीख तय की है। याचिका में सीजेएम के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें अमिताभ की न्यायिक अभिरक्षा को अवैध करार देने की मांग वाली अर्जी को सीजेएम ने खारिज कर दिया था।