Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट का सराहनीय फ़ैसला
बिना अभियोजन की राय के 420/ 406/ 408/ 467/ 468/ 471 के मामलों में जहाँ सिविल /कॉमर्शियल या एग्रीमेंट जैसे विवाद है वहाँ बिना विधिक अभिमत लिए FIR नहीं होगी.
अगर FIR होती है तो अभियोजन (prosecutors) की राय का भी ज़िक्र होगा उस तहरीर में.अगर 1 मई 2024 के बाद ऐसी FIR बिना prosecution की क़ानूनी सलाह लिए बिना दर्ज होती है तो ये ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ माना जाएगा.
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन