करोड़ों का चूना लगने के बाद बीएसएनएल फिर कर रहा केबल बिछाने की तैयारी, 45 लाख लेकर भागा था गाजियाबाद का ठेकेदार
बरेली : दो वर्ष पहले ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड सेवा परियोजना में खेल किया गया था। मीरगंज तहसील के कई गांव में ब्राडबैंड वायरिंग डालने को पाइप ही नहीं डाली गई, जबकि यह कार्य कागजों में पूरा दिखा ठेकेदार 45 लाख रुपये का भुगतान लेकर फरार हो गया। जांच शुरू होने के बाद निजी कंपनी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई तो नही हो सकी। लेकिन बरेली बीएसएनएल के जीएम ने मेरठ मुख्यालय से अनुमति जरूर मांग ली कि बचे हुए फंड से फाइबर केबल बिछवा दी जाए।
बता दें कि घोटाला सामने आने के बाद कंपनी का ठेका भी निरस्त कर दिया गया। दूसरी कंपनी को टेंडर दिया गया। जब नये ठेकेदार ने मीरगंज की कई ग्राम पंचायतों में जमीन खोदकर जांच की तो पता चला ब्राडबैंड पाइप लाइन ही नहीं मिली। मामले की जांच को कमेटी बनाई गई, मंडल के अन्य जिलों में भी इसी तरह का घपला होने की आंशका जताई जा रही है। विभागीय लोगों के मुताबिक बीएसएनएल को करोड़ों का चूना लगाने के बाद गाजियाबाद का ठेकेदार फरार है।
2014 में शुरू हुई थी योजना
ग्राम पंचायतों में ब्राडबैंड सेवा 2014 में शुरू हुई थी। 2016 में योजना को भारत संचार निगम लिमिटेड की ओर से कार्य शुरू किया गया। जिसमें जिले की चार तहसीलों में 60 ग्राम पंचायतों में यह कार्य किया जाना था। दिल्ली की टीम के साथ ही ब्लाक स्तर पर सर्वे किया गया था।
बिना काम के कर दिया भुगतान
गाजियाबाद के ठेकेदार ने मीरगंज तहसील के कई ग्राम पंचायतों में कार्य ही नहीं किया और उसका भुगतान कर दिया गया। मामले की मुख्य सतर्कता अधिकारी से लिखित शिकायत की गई है। जिसमें बिना काम के भुगतान किए जाने का कारण भी पूछा गया है।सेवानिवृत्ति से पहले पास कर दिए बिलबीएसएनएल यूनियन के जिला सचिव अशरफ अली ने बताया कि 31 अगस्त को सीजीएम एके बाजपेई सेवानिवृत्त हो गए। इससे पहले उन्होंने कई अधिकारियों के रातों रात तबादला करने के साथ ही संबंधित फर्म के 45 लाख के बिलों का भुगतान भी स्वीकृत कर दिया, जबकि भुगतान करने से पहले इस तरह के मामलों की विभागीय जांच कराई जाती है। जो कार्य कंपनी को दिया गया था। उसने काम को पूर्ण कर लिया या नहीं।
खुद को बचाने के लिए चार को चार्जशीट
मुख्य सतर्कता अधिकारी से की गई शिकायत की जानकारी होते ही सर्किल आफिस से सीजीएम एके बाजपेई ने तीन सदस्यीय कमेटी नामित करके बिना भौतिक सत्यापन किए चार कर्मचारियों को दोषी मानते हुए प्लांनिग विभाग के जेटीओ सिद्धार्थ सक्सेना, एजीएम शैलेष कुमार, एओ अमित मौर्य और चीफ अकाउंट मोइनुद्दीन को चार्जशीट जारी करने को आदेश हुआ।
मामले में अभी जांच हो रही है, संबंधित कंपनी का रुपया रुका हुआ है। मेरठ मुख्यालय को पत्र लिख काम जल्द पूरा कराने को कहा गया है। – अनिल कुमार, महाप्रबंधक बीएसएनएल