अयोध्या में राममंदिर की नींव भराई के बाद अब पत्थर का कार्य होगा

नवरात्रि के बाद अयोध्या में इस बार भी कोविड नियम पालन कर होगा रामलीला मंचन –निर्भय सक्सेना — अयोध्‍या में भगवान श्रीराम जन्‍म भूमि पर राममंदिर के चल रहे निर्माण कार्य का प्रथम चरण में आधार अब पूरी तरह तैयार हो गया है। कंक्रीट की 48वीं परत से मंदिर की नींव भर दी गई है। पत्थर नक्काशी का कार्य भी गति पकड़ रहा है। देश मे नरेंद्र मोदी एवम प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के चलते मंदिर निर्माण में आई हर बाधा को दूर कर अयोध्या को अब विश्व पटल पर लाकर एक धार्मिक पर्यटन नगरी का रूप दे दिया गया है।नवरात्रि के बाद अगले माह में अयोध्या में वर्चुअल फ़िल्मी कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन, दीपोत्सव आदि के भी कार्यक्रम कोविड 19 नियम का पालन कर आयोजित होंगे ।भगवान राम सर्किट को बेहतर हवाई, नदी एवम सड़क मार्ग से जोड़ने की कई परियोजनाओं पर तेजी से कार्य चल रहा है। साथ ही देशभर के राम भक्तों ने भी अपने आराध्य रामलला के लिए अपना खजाना खोल दिया है। राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के सामने रखे दानपात्र में पिछले पखवाडे में 30 लाख से 40 लाख का दान आया था। यह दान कार्यालय और श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट के खातों से अलग, केवल विराजमान रामलला के सामने रखे दानपात्र में ही आया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण कार्य का बीते दिनों पत्रकारों को भी अवलोकन कराया था। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर की नींव कंक्रीट में कर्नाटक का ग्रेनाइट एवम मिर्जापुर का सेंडस्टोन का प्रयोग किया गया है। एक ब्‍लॉक 16 घनफुट का है। 30 हजार ब्लॉक एक के ऊपर एक कर रखे जाने हैं।


न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस समय मंदिर की नींव की भराई का काम अंतिम चरण में तेजी से हो रहा है। कंक्रीट की 48वीं परत से मंदिर की नींव भर दी गई है। उन्‍होंने बताया कि राम मंदिर 2023 तक बनकर तैयार होने का लक्ष्य रखा है। इस तीन मंजिल वाले भगवान राम मंदिर की डिजाइन के अनुसार गर्भ गृह में रामलला होंगे। दूसरे तल पर राम दरबार होगा। साढ़े छह एकड़ में मदिर का दक्षिण शैली में चौकोर परकोटा बनाया जाएगा। वर्ष 2023 के अंतिम माह तक भव्य राम मंदिर बनकर तैयार होना है। निर्माण की शुरुआत में यह बात आई थी कि यहां की मिट्टी अस्थिर है। इस वजह से मंदिर की नींव का निर्माण काफी मजबूती से किया। लगभग 1 लाख 20 हजार वर्ग फुट लंबी, चौड़ी और 50 फुट गहरी नींव खोदी गई थी। इसके बाद उसे सीमेंट और अन्‍य निर्माण सामग्रियों से भरा गया। ट्रस्‍ट के सदस्‍यों ने कहा कि मंदिर का आधार तैयार हो गया। अब ‘आफ्ट’ बनाया जाएगा। इसके बाद मिर्जापुर से लाए गए करीब चार लाख क्यूबिक फीट गुलाबी पत्थरों से चबूतरा बनाया जाएगा। नवनिर्मित चबूतरे पर मंदिर का निर्माण किया जाएगा। न्यास महासचिव चंपत राय ने बताया था कि राजस्थान से लाए गए 1 लाख वर्ग फुट उकेरे गये पत्थर यहां लगाये जाने के लिए तैयार हैं। उन पत्थरों पर अब कोडिंग का कार्य हो रहा है।
स्मरण रहे पिछले दिनों राममंदिर निर्माण के लिए नींव के डिजाइन में राफ्ट को लेकर आंशिक परिवर्तन किया गया था। अब राम मंदिर की नींव 48 लेयर पर होगी। यही नहीं राफ्ट की मोटाई भी कम की गई है। पहले की डिजाइन के अनुसार, राफ्ट की मोटाई ढाई मीटर थी, जिसे घटाकर अब डेढ़ मीटर कर दी गई है।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार राम मंदिर निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। राफ्ट का निर्माण कार्य अक्तूबर तक तैयार होगा। विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर के लाल बलुआ पत्थरों से अक्तूबर या नवंबर के पहले सप्ताह में प्लिंथ का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
इसके जिला प्रशासन के अनुसार 22 करोड़ की लागत से अयोध्या के गुप्तारघाट को भी नया रूप मिलेगा। इसके साथ ही नदी के किनारे खाली पड़ी भूमि पर भगवान श्रीराम के नाम पर एक आध्यात्मिक पार्क भी बनाया जाएगा। भगवान रामलला के मंदिर के लिए देशभर के राम भक्तों ने रामलला के लिए खजाना खोल दिया है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक महीने में रामलला ने अकेले अपने दानपात्र से ही लगभग 60 लाख से 80 लाख रुपये का दान प्राप्त किया था। 15 अगस्त से 31 अगस्त के बीच 35 लाख का रिकॉर्ड चढ़ावा रामलला को उनके दानपात्र में प्राप्त हुआ था। सूत्रों की मानें तो राम मंदिर न्यास के कार्यालय पर भी हर माह 10 से 15 लाख की नकदी और 50 लाख के चेक आ रहे हैं। वहाँ कई लोग लगातार गिनती करते हैं ।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कैंप कार्यालय प्रभारी के अनुसार रामलला के परिसर के दानपात्र में एक पखवाड़े में 30 लाख से 40 लाख रुपए आये थे ।15 दिन में आए धन के गिनती के लिए अगला 15 दिन का समय लग जाता है। अगस्त माह में 35 लाख रुपए रामलला के दानपात्र में आए थे, जिसमें डेढ़ लाख सिक्के के रूप में थे। रामलला के दानपात्र में आए धन की गिनती में बैंक और ट्रस्ट के कर्मचारी शामिल होते हैं। बताया गया कि जिस समय रामलला के मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिलान्यास किया था। उस दिन से हर दिन 2 से 5 हजार लोग रामलला के खातों में पैसा भेज रहे हैं। भूमि पूजन के बाद भी कई करोड़ रुपये मंदिर के लिए प्राप्त हुए। नवरात्रि के बाद अगले माह में अयोध्या में वर्चुअल रामलीला का मंचन, दीपोत्सव आदि के भी कार्यक्रम कोविड 19 नियम का पालन कर आयोजित होंगे ।

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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