अब पेट्रोल में 15 फीसद मेथेनॉल मिलाया जाएगा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में कहा कि अब पेट्रोल में 15 फीसद मेथेनॉल मिलाया जाएगा। गडकरी ने कहा यह पेट्रोल की लागत को कम करेगा और प्रदूषण को भी कम करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से साल 2030 तक भारत का ईंधन बिल कम हो जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेथेनॉल को बढ़ावा देने से प्रदूषण पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। सरकार की इस योजना के बारे में नितिन गडकरी पहले भी जानकारी दे चुके हैं।
मेथेनॉल मिलाने से कितना सस्ता हो जाएगा पेट्रोल: मेथेनॉल कोयला से बनाया जा सकता है और इसकी लागत 22 रुपये प्रति लीटर होती है, जबकि पेट्रोल की कीमत 80 रुपये प्रति लीटर पड़ती है। चीन इसे 17 रुपये प्रति लीटर की लागत में तैयार कर रहा है। गडकरी ने कहा कि मुंबई के आस-पास की फैक्ट्री जिसमें दीपक फर्टिलाइजर्स और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स भी शामिल हैं वो मेथेनॉल को तैयार कर सकती है।
क्या है मेथेनॉल-
नैचुरल गैस, कोयले और रिन्युबल फीडस्टॉक्स से प्रोड्यूस्ड मेथेनॉल एक क्लियर और कलरलेस लिक्विड है। इसे Wood Alcohol भी कहा जाता है।
मेथेनॉल इंस्टीट्यूट, यूएसए के मुताबिक चीन अपने फ्यूल में 15-20% मेथेनॉल का इस्तेमाल करता है।
मेथेनॉल के इस्तेमाल से Carbon Emission (कार्बन उत्सर्जन) कम होता है। 1973 में तेल संकट के दौरान मेथेनॉल के इस्तेमाल पर ही जोर दिया गया था। यह गैसोलीन के मुकाबले लो टेम्परेचर पर जलता है। काफी सारे देशों में इसका इस्तेमाल रेसिंग कार के लिए किया जाता है। अमेरिका में, पेट्रोलियम आधारित ईंधन के विकल्प के रूप में इथेनॉल ईंधन को मेथनॉल ईंधन तुलना में ज्यादा पसंद किया जाता है। सामान्य तौर पर, इथेनॉल कम विषाक्त (टॉक्सिक) होता है और इसका ऊर्जा घनत्व ज्यादा होता है। हालांकि मेथनॉल ऊर्जा उत्पादन के लिहाज से कम खर्चीला होता है।