अब बिहार के नवादा में भड़की हिंसा, कई गाड़ियों के शीशे तोड़े, दुकानों को फूंका
बिहार में साम्प्रदायिक तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. समस्तीपुर, औरंगाबाद, नालंदा और मुंगेर के बाद अब नवादा से भी हिंसा की खबर है.
बिहार में रामनवमी के बाद भड़की हिंसा अभी शांत भी नहीं हुई थी कि एक बार फिर वहां पर माहौल बिगड़ गया है. नवादा के गोंदापुर में चौक के पास
बजरंगबली की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर दो समुदाय के बीच काफी झड़प हुई है. हिंसा में कई गाड़ियों के शीशे तोड़े गए हैं. हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस ने अभी तक 10 राउंड की फायरिंग की है. आपको बता दें कि नवादा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का संसदीय क्षेत्र है.
बताया जा रहा है कि गुरुवार रात को नवादा बाईपास पर बजरंगबली की मूर्ति को तोड़ दिया गया था. जिसके बाद से ही हालात बेकाबू होते चले गए. गाड़ियों को तोड़ने के अलावा कई दुकानों में भी आग लगा दी गई. जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है.
जानकारी के अनुसार, नवादा बाइपास में धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त किए जाने की सूचना के बाद लोग आक्रोशित हो गए औत पटना-रांची राजमार्ग 31 को जाम कर दिया। जाम के बाद दो पक्षों के बीच जमकर रोड़ेबाजी की गई। मीडियाकर्मियों के कैमरे तोड़ दिये गए। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
माहौल खराब होते देख जिलाधिकारी और एसपी ने मौके पर पहुंचकर कमान संभाली। सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है। सभी प्रमुख धर्मस्थलों पर पुलिस बल तैनात किये गए हैं। स्थित पर नियंत्रण को रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दिया गया है।
साथ ही प्रशासन की तरफ से एक संदेश जारी किया गया है जिसके माध्यम से कहा गया है कि प्रशाशन वेहद सतर्क है। पल-पल हर परिस्थति पर नजर बनी हुई है। असामाजिक तत्वों के मंसूबे सफल नहीं होंगे। अपवाह फ़ैलाने वाले को बख्सा नहीं जायेगा। लोग विवादित पोस्ट से सावधान रहे। सोशल मीडिया पर प्रशाशन की कड़ी नजर है। सभी के सहयोग से नवादा में शांति बनी रहेगी। स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। अफवाहों पर ध्यान न दे।
बता दें कि भागलपुर के नाथनगर में हुए बवाल के बाद मुंगेर, समस्तीपुर, नालंदा के बाद नवादा में भी असामाजिक तत्वों ने माहौल खराब करने की कोशिश की। मुंगेर में पटरी पर लौट रही विधि व्यवस्था गुरुवार को एक बार फिर से बेपटरी हो गई। बुधवार को दो नंबर गुमटी पर से प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में एक पक्ष के लोग गुरुवार की सुबह सड़क पर उतर आए। सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरीं महिला, बच्चे और युवाओं ने सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
सूचना पर डीएम उदय कुमार सिंह और एसपी आशीष भारती जामस्थल पर पहुंचे और प्रतिनिधिमंडल को वार्ता करने के लिए बुलाया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद आधे घंटे तक पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। भीड़ की ओर से पुलिस पर जमकर पथराव किया गया।
हालांकि, पुलिस प्रशासन ने गोलीबारी की घटना से साफ इंकार किया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दंगा निरोधक दस्ते के जवानों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद लाठियां चटका कर भीड़ को तितर-बितर किया गया। इस संबंध में मुंगेर के एसपी आशीष भारती ने बताया कि पुलिस प्रशासन पर भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव किया गया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
रोसड़ा में भाजपा नेता समेत 13 लोगों की गिरफ्तारी पर भड़का आक्रोश-
समस्तीपुर जिले के रोसड़ा शहर में मंगलवार को हुए बवाल मामले में भाजपा नेता सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी पर फिर आक्रोश भड़क उठा। गुरुवार सुबह भीड़ रोसड़ा थाने पहुंची। लोग पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए विरोध करने लगे। वे गिरफ्तार लोगों को मुक्त करने पर अड़े थे। इसी बीच रैफ के जवानों ने निषेधाज्ञा उल्लंघन करते देख लोगों को खदेड़ा, हल्की लाठियां चटकाईं। इससे कुछ देर के लिए अफरातफरी रही। रोसड़ा बाजार भी बंद रहा। मंगलवार की घटना को लेकर तीसरे दिन भी निषेधाज्ञा जारी रही वहीं इंटरनेट सेवा भी बाधित रही।
बताया गया कि पुलिस ने बुधवार देर रात तक छापेमारी कर 13 लोगों को पकड़ा। इनमें भाजपा किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य दिनेश कुमार झा एवं पार्टी के बुनकर प्रकोष्ठ के नेता मोहन पटवा के अलावा 11 अन्य लोग थे। इसकी खबर मिलते ही थाने के मुख्य द्वार पर भीड़ जुट गई। थाने के बंद द्वार को खोलने का प्रयास किया गया। इसी बीच रैफ जवानों ने लोगों को खदेड़ा और लाठियां चटकाईं। कुछ देर बाद थाना परिसर से बाहर निकले एसपी दीपक रंजन एवं एसडीओ ने संयुक्त रूप से शांति की अपील की। देर शाम भाजपा नेता दिनेश कुमार झा समेत तीन लोगों को मुक्त कर दिया गया। वहीं, दस लोगों को जेल भेज दिया गया।
सिलाव में 71 नामजद व एक हजार अज्ञात पर प्राथमिकी-
नालंदा जिले के सिलाव में रामनवमी के दौरान शोभा यात्रा में बुधवार को सिलाव में हुए उपद्रव के बाद प्रशासन ने 71 नामजद व एक हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। बुधवार की रात्रि घर-घर में छापेमारी कर पुलिस ने दो महिला समेत 36 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं पुलिस की मनमानी के विरोध में गुरुवार को सिलाव बाजार बंद रहा।
पुलिस के द्वारा सिलाव और राजगीर इलाके में दो महिला समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किए जाने से स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन के द्वारा छापेमारी के नाम पर रात में घरों में घुसकर जमकर उत्पात मचाया गया। ग्रामीणों ने पुलिस के ऊपर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। विरोध में सिलाव के सभी दुकानें गुरुवार को बंद रखी गई।