आखिर क्यों नाराज हुई शहीद कैप्टन कुंडू की मां ?

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पिछले कुछ दिनों से बॉर्डर पर पाकिस्तान की ओर से जारी फायरिंग में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू को सोमवार शाम को नम आंखों से अंतिम विदाई दे दी गई।
गौरतलब है कि सोमवार देर शाम कैप्टन कपिल कुंडू का पार्थिव शरीर गांव गुड़गांव के पटौदी पहुंचते ही लोग भारी संख्या में उमड़ पड़े। सोमवार देर रात कैप्टन कुंडू का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जब कैप्टन का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े। अंतिम दर्शन के लिए इस कदर भीड़ उमड़ी कि गांव में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही थी। सबकी आंखें नम थीं और जुबान पर ‘कपिल अमर रहे….’ के नारे थे ।

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कैप्टन कुंडू के अंतिम संस्कार में किसी राजनेता के शामिल न होने पर
मां सुनीता कुंडू ने राजनेताओं के प्रति अपनी नाराज़गी जताते हुए, कहा- कि नेताओं का कहना है कि वे अगले दिन आएंगे, लेकिन हमें सिर्फ अपनी सेना और लोगों से प्यार है। हमें किसी नेता की कोई परवाह नहीं है। इसके आगे बताते हुए सुनीता कुंडू बोलीं कि सरकार हमारी सेना को रोकती है, मैं चाहती हूं कि सरकार सेना को और भी शक्ति दे। फिर देखिएगा सेना सभी दुश्मनों को खत्म कर देगी ।
आपको बता दें कि बेटे के पार्थिव शरीर को देखकर मां और बहन का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था । यही नही, कपिल की बहन इस दौरान अपने भाई का शव देखकर बेहोश भी हो गई, फिर भी वो कह रहे थे बेटे ने देश की सेवा करते-करते अपनी जान दी है । उसकी इस कुर्बानी पर पूरे परिवार को गर्व है।

23 साल से भी कम उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन कपिल कुंडू का मानना था कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। जी हां , कैप्टन कुंडु काका यानि राजेश खन्ना के बड़े फैन्स में से एक थे । इसलिए उन्होंने फिल्म आनंद के सुपरहिट डॉयलॉग को अपना फेसबुक स्टेटस और अपना उसूल बना लिया । उनका फेसबुक स्टेटस था – ‘जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए’। 23 साल में ही कैप्टन वाकई में एक बड़ी जिंदगी जी गए। रविवार को राजौरी में सीमा पार से फायरिंग में कैप्टन कुंडू और तीन जवान शहीद हो गए।

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