आज भी यादगार है लालू की वो ‘कुर्ताफाड़ होली’ जानिए क्यों होती थी खास
पटना : होली का त्योहार बिहार के लिए खास होता है। एक तरफ रंग-गुलाल के अलावे यहां ग्रामीण इलाकों में आज भी कीचड़, मिट्टी और गोबर से होली खेलने की परंपरा कायम है तो वहीं फाग और चैता की स्वर लहरियां अभी से लेकर पूरे चैत महीने तक गांव के हर चौबारे पर सुनाई देती हैं। यहां देवर-भाभी की चुहल तो ननद और भाभी की मस्ती वाली होली आज भी देखने को मिलती है।
ये होली तो हो गई आम होली, लेकिन खास होली का रंग जमता था राजद अध्यक्ष लालू यादव के आवास पर और वो होली होती थी-कुर्ता फाड़ होली, जहां सियासत में होली के रंगों से सरोबार होते नेताओं का नजारा दिखता था। आम और खास सबका कुर्ता फटा हुआ और सभी लालू के साथ रंगों से सराबोर दिखते थे।
यादगार होती थी लालू आवास की होली-
लेकिन वक्त बदला, होली की परंपराएं भी बदलीं और बदलते वक्त के साथ ही होली का वो नजारा देखने के लिए बिहार के लोग आज भी राजद सुप्रीमो लालू यादव की उस खास होली को याद करते हैं। लालू भी अपनी उस होली को याद करते हैं, तभी तो उन्होंने चारा घोटाला मामले की सुनवाई में जज से कहा था- हुजूर, होली नजदीक है, फैसला जल्द कर दीजिए ना….लेकिन अफसोस की इस बार लालू की होली रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल में ही मनेगी।
क्यों लोग लालू की कुर्ताफाड़ होली को याद करते हैं-
होली का त्योहार और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के आवास पर होने वाली उस कुर्ताफाड़ होली का आनंद आज भी राजद के नेता और कार्यकर्ता याद करते हैं, जो होली उनके लिए खास होती थी, जिसमें लालू दरवाजे पर खुद ही ढोल और मंजीरा लेकर गाने बैठ जाते थे और कार्यकर्ता और नेता उनका साथ देेते थे। सब अपने-अपने राग में फाग गाते थे और राबड़ी भी सबका साथ देती थीं। होली की वो हुड़दंग की तस्वीरें और खबरें मीडिया की सुर्खियां बनती थीं।
लालू की इस होली का अपना अलग ही रंग था। ये बात करीब 1997 से 2000 की है जहां उनके आवास पर महफिल जमती थी और कार्यकर्ता से लेकर नेता तक सभी लालू यादव के साथ कुर्ता फाड़ कर होली खेलते थे।सुबह 7 बजे से ही कार्यकर्ता और नेता एक दूसरे को रंग लगाने के लिए पहुंच जाते थे। सभी जमकर एक दूसरे को रंग लगाते थे फिर समय आ जाता था कुर्ता फाड़ होली का जो दोपहर 1 बजे के बाद से शुरू होता था।
राबड़ी भी लालू के साथ जमकर खेलती थीं होली-
लालू की ‘कुर्ता फाड़ होली’ की सबसे मजेदार बात ये थी कि इस होली में गोबर, कीचड़ से सने लोग तरह-तरह के रंगों से सराबोर रहते थे, लालू कुर्ता फाड़कर होली खेलते थे और सामने खड़ी राबड़ी उनके ऊपर रंग डालती रहती थीं, वो भी कार्यकर्ताओं के साथ जमकर होली खेलती थीं। इस होली में खूब धूम मचती थी और लालू का आनंद देखते ही बनता था।
ढोल-मजीरा बजाते थे लालू –
कुर्ता फाड़ने का दौर जिसमें बड़ा हो या छोटा सभी का कुर्ता फाड़ दिया जाता था। तो कार्यकर्ता और नेता लालू यादव का भी कुर्ता फाड़ देते थे। फिर सभी को रंगों से नहला दिया जाता था। कुर्ता फाड़ होली के बाद शुरू होता था होली का लोक गीत। जिसमें कौन कितना अच्छा गाता है ये देखा जाता था तो लालू यादव खुद ढोल बजाते थे और वहीं राबड़ी देवी रंगों से भीगी उनके ढोल का आनंद लेती रहती थीं।
रंगों का दौर दोपहर दो बजे के बाद खत्म हो जाता था और तब गुलाल और होली गायन का दौर शुरू होता था। लालू की यह होली विदेशों तक प्रसिद्ध थी। लेकिन, चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के कारण लालू बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। इस बार वे जेल में ही होली मनाएंगे और फाग गाएंगे।
इस बार जेल में मनेगी लालू की होली-
अपने घर में होली मनाने की हसरत पाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को हाई कोर्ट ने मायूस कर दिया और चारा घोटाले में देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उनकी जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था। इस कारण भी उन्हें जमानत नहीं मिली और लालू इसबार होली घर पर नहीं जेल में ही मनाएंगे जिससे राबड़ी आवास जो होली पर गुलजार रहता था इसबार वहां होली को लेकर कोई खास हलचल नहीं दिख रही।
जमानत नहीं मिलने पर भी नहीं बदला लालू का अंदाज-
अपने मजाकिया अंदाज के लिए मशहूर लालू ने जमामन नहीं मिलने पर अगली सुनवाई में न्यायाधीश से पूछा, हुजूर कब तक जजमेंट दीजिएगा? कृपया जल्दी जजमेंट दिया जाए। इस बार थोड़ा बढ़िया से लिखेगा हुजूर। होली तो जेल में बीतेगा।
सुनवाई खत्म होने के दौरान लालू ने कहा कि हुजूर होलिका के साथ आपके दुश्मनों का नाश हो जाए। लालू ने यह भी कहा कि तत्कालीन एजी टीएन चतुर्वेदी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाए। कोर्ट ने पूछा वो अभी जीवित हैं या नहीं। इस पर लालू ने कहा कि मुझे फंसाने के इनाम में भाजपा वालों ने उन्हें राज्यसभा भेजा है।
राजनीतिक मायने जो भी हों लेकिन बिहार में आज भी लोग कुर्ताफाड़ होली खेलते दिख जाते हैं, जोगीरा गाते दिख जाते हैं। ये लालू के ही कुर्ताफाड़ होली का जलवा है जिसे हर बार होली में लोग याद करते हैं। लालू के घर होली की धूम और नाच -गाने को जो माहौल होता था, वो राजद नेताओं के कार्यकर्ता और नेताओं के जेहन में आज भी यादगार है। इसके साथ ही बिहार के आम और खास लोग भी इसे याद करते हैं।