राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कुल 32089 वादों का निस्तारण करते हुए धनराशि 223988821 रुपये की वसूली की गई
बरेली, 11 दिसम्बर। माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती रेणु अग्रवाल के दिशा निर्देशन में आज दिनांक 11 दिसंबर दिन शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रभारी जनपद न्यायाधीश अपर जिला जज प्रथम श्री सुनील कुमार वर्मा ने किया।
इस अवसर पर अपर जिला जज श्री सत्यदेव गुप्ता, श्रीमती रचना अरोड़ा, श्री अंगद प्रसाद, श्री इफ्तेखार अहमद, अब्दुल कय्यूम,अमित सिंह, तबरेज अहमद, उत्कर्ष यादव, प्रमोद गुप्ता, शिव कुमार, हरी प्रसाद, सीजेएम अतुल चौधरी, सिविल जज हरिश्चन्द्र, मृदांशु कुमार, श्वेता यादव, एसीजेम विष्णु देव सिंह, सत्य प्रकाश आर्या, आशुतोष, देवेंद्र कुमार, विमलेश सरोज तथा रेलवे मजिस्ट्रेट विवेक सिंह व एसपी ट्रैफिक राम मोहन सिंह उपास्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक अधिकारियों, विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया एवं लंबित वादों का निस्तारण भी कराया।
नोडल अधिकारी अपर जिला जज श्री इफ्तेखार अहमद ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों द्वारा 8637 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें सिविल प्रकृति के 1013 वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के 168 वाद, पारिवारिक मामलों के 163 वाद, फौजदारी के 4504 वाद तथा विभिन्न राजस्व न्यायालयों द्वारा 20458 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते व अभिस्वीकृति के आधार पर किया गया।
मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों में प्रतिकार की धनराशि 75747000 रुपये, फौजदारी वादों में अर्थदंड के रूप में1437640 रुपये वसूल की गई तथा दूरसंचार विभाग के 62 वादों का निस्तारण कर 102033 रुपये की धनराशि वसूल की गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सत्येन्द्र सिंह वर्मा ने बताया कि लोक अदालत के आयोजन में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जजी परिसर में 4 जगह बैंकों के कैम्प लगाए गए, जिसमें विभिन्न बैंकों ने बैंक ऋण से संबंधित 2311 वादों का निस्तारण किया गया एवं कुल ऋण धनराशि 110700000 रुपये वसूल की गई।
प्राधिकरण सचिव ने अवगत कराया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल समझौता धनराशि 223988821 रुपये रही और 2948 ट्रैफिक चालानों का निस्तारण करते हुए 1510115 रुपये की जुर्माना धनराशि वसूल की गई। पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री हरीश त्रिपाठी, अपर प्रधान न्यायाधीश श्री शैलौज चंद्रा व सुश्री कविता निगम ने लोक अदालत में कुल 42 दंपतियों का पुनर्मिलन कराया गया।
लोक अदालत में वाद कारियों की सुविधा के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई। जिसमें आने वाले वादकारियों को असुविधा से बचाने के लिए ई चालानों तथा अन्य लंबित मामलों के संबंध में जानकारियां हेल्पडेस्क पर मौजूद कर्मचारियों द्वारा प्रदान कराई गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायिक अधिकारियों, बैंक-बीमा कंपनी के अधिकारियों, अन्य न्यायिक कर्मचारियों तथा मीडिया कर्मियों का भी योगदान रहा।
बरेली से संपादक गोपाल चंद्र अग्रवाल की रिपोर्ट !