9 साल पूरे हुए,26/11 के मुंबई आतंकी हमले को
भारत में हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमले की आज तीसरी बरसी है
मुंबई हमलों को याद कर आज भी हर भारतीय के जेहन में ताज होटल की एक खिड़की ने निकलती आग कौंध जाती है, तीन साल पहले आज ही के दिन 10 आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई को खून से रंग दिया. हमलों के तीन साल बाद क्या महसूस करता है भारत.
26/11 के मुंबई आतंकी हमले को 9 साल पूरे होने रहे हैं. मामले के मुख्य जांचकर्ता रहे पूर्व पुलिस अफसर रमेश महाले ने नया खुलासा किया है. महाले का दावा है कि हमले के बाद पूछताछ के दौरान कसाब ने कहा था, ‘आप लोग हमें क्या फांसी देंगे? जब आप आज 8 साल बाद भी अफजल गुरु को फांसी नहीं दे पाए.’ महाले के मुताबिक हमले के 4 साल पूरा होने के कुछ दिन पहले जब कसाब को फांसी देने के लिए आर्थर रोड जेल से येरवडा जेल ले जाया जा रहा, तब भी वो साथ में थे. उस दौरान महाले ने कसाब को याद दिलाया कि तुम्हें तो 4 साल में ही फांसी हो रही है. इस पर कसाब ने कहा कि आप जीत गए.
26/11 के हमलों का असर भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर भी पड़ा. हमलों से भारत की जनता इतनी नाराज हो गई थी कि सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का दबाव पड़ने लगा. दोनों देशों के बीच बातचीत बंद हो गई. मई 2010 में मुंबई हमलों को लेकर विशेष अदालत का फैसला आया. अदालत ने भारत में कैद आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाई. भारत का आरोप है कि हमलों के मुख्य आरोपी अब भी पाकिस्तान में हैं. हाल के दिनों में दोनों देशों के संबंध बेहतर हुए हैं लेकिन मुंबई का घाव ऐसा है जिसे भरने में कई पीढ़ियां लगेंगी.
26/11 हमलों के दोषी कसाब को छुड़ाने के लिए रची गई साजिश का हेडली ने किया खुलासा
महाले ने मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया है. इसमें अहम है कसाब का बयान. लेकिन चूंकि कसाब को अब फांसी हो चुकी है, इसलिए वह बयान मान्य नहीं हो सकता.
वहीं अबु जुंदाल ने भी हाफिज सईद का नाम लिया है. उसका मुकदमा अब भी चल रहा है. इस मामले में सबसे अहम है डेविड कोलमैन हेडली जो अब सरकारी गवाह बन चुका है. उसके बयान में भी हाफिज सईद का नाम आया था.
हेडली ने बताया था कि हाफिज सईद चाहता था कि मुंबई पर आतंकी हमला हो. हाफिज ने ही शिवसेना भवन, मातोश्री और सिद्धि विनायक की रेकी करवाई थी.