राष्‍ट्रव्‍यापी ‘पर्यटन पर्व 2019’ के दिल्‍ली संस्‍करण में 5 दिन तक दिखी बहुरंगी विविधता की अनुपम छटा

पर्यटन पर्व 2019 का दिल्‍ली संस्‍करण आज नई दिल्‍ली में सम्‍पन्‍न हो गया। पांच दिन तक चले इस उत्‍सव के दौरान समूचा राजपथ लॉन्‍स और रफी मार्ग देश के विभिन्‍न भागों के नृत्‍य,
संगीत और रंगारंग सांस्‍कृतिक प्रस्‍तुतियों से जीवंत हो उठा। यह पर्यटन पर्व का तीसरा संस्‍करण था। भारतवासियों को देश के विभिन्‍न पर्यटक स्‍थलों को देखने के लिए प्रोत्‍साहित करने और ‘सबके लिए पर्यटन’ के संदेश को प्रसारित करने के उद्देश्‍य सहित इस पर्यटन पर्व का अभिप्राय ‘देखो अपना देश’के संदेश को प्रचारित करना है। इस वर्ष का पर्यटन पर्व महात्मा गांधी की 150वी जयंती मनाने के लिए समर्पित है। राष्ट्रव्यापी पर्यटन पर्व 2019, 13 अक्टूबर 2019 तक जारी रहेगा। दिल्ली में पर्यटन पर्व के अवसर पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्र सरकार के मंत्रालयों के 31 मण्‍डप लगाए गए थे। देशभर के व्यंजनों के प्रतिनिधित्व वाले 59 फूड स्टॉल भी लगाए थे। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच कम्युनिकेशन द्वारा लगाई गई मल्टी मीडिया प्रदर्शनी इस पर्यटन पर्व के प्रमुख आकर्षणों में से एक थी।

इस अवसर पर लाइव फूड किचन की ओर से राज्यों के कुछ प्रमुख पारंपरिक व्यंजनों की पाक विधियों का प्रदर्शन किया गया। नवरात्रि के त्यौहार के मद्देनजर सभी प्रकार के आगंतुकों की पसंद को ध्‍यान में रखते हुए लगभग 18 ‘सात्विक फूड’ स्‍टाल्‍स भी लगाए गए थे।

मोटे तौर पर लगाए गए एक अनुमान के अनुसार, 2.5 लाख से अधिक व्यक्तियों ने पर्यटन पर्व का दौरा किया। पांचों दिन विशेष तौर पर सप्ताहांत के दौरान भारी भीड़ देखी गई। पर्यटन पर्व के दौरान पर्यटन मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में 4 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार परिषद (एनटीएसी) की बैठक भी हुई।

इससे पहले पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान तथा पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने 02 अक्टूबर 2019 को पयर्टन पर्व का उद्घाटन किया।

पर्यटन मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा है कि पर्यटन पर्व देश की भव्‍य विविधता को सामने लाने और लोगों को अपने देश के विभिन्न हिस्सों को जानने के लिए प्रेरित करने का एक बहुसांस्कृतिक मंच है। उन्होंने लोगों से पर्यटकों की अपेक्षाकृत कम दिलचस्‍पी वाले स्‍थानों का पता लगाने का आग्रह किया, इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहायता मिलेगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।

पर्यटन पर्व के कुछ प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं :-

  • राज्यों, पूर्वोत्‍तर परिषद, आईएचएम, नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया (एनएएसवीआई) के स्टॉल सहित फूड कोर्ट
  • राज्यों और संघशासित प्रदेशों, पूर्वोत्‍तर परिषद, कपड़ा मंत्रालय (डीसी-हस्तशिल्प और डीसी- हथकरघा) द्वारा स्थापित हस्‍तशिल्‍प, हथकरघा और मास्टर क्रॉफ्ट पर्सन्‍स के साथ शिल्प बाजार,
  • अपने पर्यटन स्थलों और उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए राज्यों और संघशासित प्रदेशों के थीम मंडप
  • सशस्त्र बलों के बैंड्स की प्रस्‍तुति
  • राज्यों / संघशासित प्रदेशों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्‍तुतियां
  • उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के नृत्‍य निर्देशन में सांस्‍कृति प्रस्‍तुति
  • किचन स्टूडियो में लाइव कुकिंग प्रस्‍तुतियां

·         मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय द्वारा योग प्रदर्शन और प्रस्‍तुतियां

·         सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘150 ईयर्स ऑफ सेलिब्रेटिंग महात्‍मा’ पर डिजिटल प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम,

·         खादी उत्पादों के साथ खादी ग्रामोद्योग का मंडप

·         डाक विभाग द्वारा डाक टिकट संग्रह के प्रचार लिए:

o   माई स्‍टैम्‍प काउंटर

o   डाक टिकटों की बिक्री

o   सहायक वस्‍तुओं की बिक्री

  • आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘स्वच्छता’ और महात्मा गांधी के 150 साल को उजागर करने वाला थीम मंडप

·         श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण समूहों में किए गए पर्यटन केंद्रित विकास की झलक

·         सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन और प्रचार

·         उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा उपभोक्ता जागरूकता का प्रचार

·         अन्य आकर्षण: मेहंदी, जादू, कठपुतली शो, कराओके, सेल्फी पॉइंट्स, बायोस्कोप, आदि।

प्रतिभागी राज्य/संघ शासित प्रदेश

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश।

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