40+ में खिलाड़ी ने लगाई डबल सेंचुरी
कहते हैं खेल आपको हमेशा फिट और ऊर्जावान बनाए रखता है लेकिन क्या उम्र के ढलते पड़ाव पर भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है। तो इसका जवाब होगा, हां । दुनिया में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने कभी अपनी बढ़ती उम्र को खेल पर हावी नहीं होने दिया । अब ये कारनामा एक भारतीय ने भी कर दिखाया है …आइए जानते हैं कौन है वो…
बता दें कि वसीम जाफर ने जिस उम्र में ये डबल सेन्चुरी लगाई है, उस उम्र तक आते-आते सचिन-सौरव जैसे क्रिकेटर्स रिटायर हो चुके थे।वसीम जाफर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डबल सेन्चुरी लगाने वाले पांचवें इंडियन बन गए हैं। उन्होंने ये डबल सेन्चुरी 40 साल 26 दिन की उम्र में लगाई है, जिसमें उन्होंने नॉटआउट 285* रन बनाए। इससे पहले भी जाफर ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में अब तक 8 डबल सेन्चुरी लगाई हैं। पिछले 9 साल में उनके करियर की ये पहली डबल सेन्चुरी। वसीम जाफर के अलावा इससे पहले सी.के नायडू, डीबी देवधर, विजय हजारे और वीनू मांकड़ भी 40 से ज्यादा की उम्र में ऐसा कर चुके हैं।
गौरतलब है कि सचिन ने अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज 40 साल 7 महीने की उम्र में नवंबर 2013 में खेली थी। उन्हें विदाई देने के लिए ही उन्हें इस सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया था।
ऐसा करने वाले छठे इंडियन बने
इस इनिंग के दौरान वसीम जाफर ने फर्स्ट क्लास करियर में अपने 18 हजार रन भी पूरे कर लिए। जाफर ने अब तक फर्स्ट क्लास करियर में 242 मैचों की 397 इनिंग्स में 50.28 की एवरेज से 18002 रन बना चुके हैं। यही नही, जाफर ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 86 फिफ्टी और 53 सेन्चुरी भी लगाई है। उनका ओवरऑल बेस्ट स्कोर 314* रन है।
क्या अब जाफर के नाम भी होगी ट्रॉफी
खास बात ये है कि जाफर से पहले जिन चार क्रिकेटरों ने 40 से ज्यादा कि उम्र में डबल सेन्चुरी लगाई हैं, बीसीसीआई उन सभी के नाम पर टूर्नामेंट कराता है। विजय हजारे के नाम पर 50 ओवर का इंटरस्टेट और देवधर के नाम पर लिस्ट-ए फॉर्मेट का ही जोनल टूर्नामेंट खेला जाता है।नायडू के नाम पर अंडर-23 और मांकड़ के नाम पर अंडर-19 इंटरस्टेट टूर्नामेंट होते हैं। नायडू को फादर ऑफ इंडियन क्रिकेट भी कहा जाता है।