प्रदेश के 25 हजार श्रमिकों को श्रम कल्याण परिषद की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा
प्रदेश के 25 हजार श्रमिकों को श्रम कल्याण परिषद की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा
श्रमिक हित में श्रम कल्याण परिषद को और प्रभावी, क्रियाशील व सशक्त बनाया जायेगा-सुनील भराला
श्रमिकों के उत्थान के लिए कार्य करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इनके हितों के लिए श्रम कल्याण परिषद तीव्र गति से कार्य करेगा। इस वर्ष प्रदेश के 25 हजार श्रमिकों को परिषद की योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा तथा वर्ष 2022 तक एक करोड़ श्रमिकों को इन योजनाओं से जोड़ा जायेगा।
अध्य़क्ष, श्रम कल्याण परिषद सुनील भराला ने यह बात महान श्रमिक नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर इन्दिरा भवन में आयोजित संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि पहले परिषद की योजनाओं का लाभ पांच सौ श्रमिकों को ही मिल पाता था। अब प्रदेश में 18 हजार उद्योगों और 6.5 लाख प्रतिष्ठानों में कार्यरत करोड़ों श्रमिकों को इन योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा। श्रमिकों के हितों के लिए 4200 ट्रेड यूनियनों से भी विचार-विमर्श किया जायेगा तथा श्रम कल्याण परिषद को और प्रभावी, क्रियाशील व सशक्त बनाया जायेगा।
भराला ने कहा कि परिषद द्वारा संचालित योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए तथा श्रमिकों को जोड़ने के लिए इनका नाम परिवर्तन कर महापुरूषों के नाम पर संचालित किया गया है। साथ ही परिषद ने श्रमिक हित में तीन नई योजनाएं भी शुरू करने का फैसला लिया है। इसके तहत अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में चयन होने पर श्रमिक के बच्चे को 25 हजार रूपये तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलने पर 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। इसी प्रकार श्रमिक के बच्चों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए महादेवी वर्मा पुस्तक क्रय धन योजना तथा श्रमिकों को धार्मिक स्थलों की तीर्थ यात्रा एवं पर्यटन कराये जाने के लिए स्वामी विवेकानन्द धार्मिक एवं पर्यटन योजना को प्रारम्भ किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि परिषद ने उ0प्र0 श्रम कल्याण निधि 1965 में संशोधन करने के लिए एक उपसमिति का गठन भी किया है। साथ ही परिषद की योजनाओं की जानकारी के लिए एवं इनका लाभ श्रमिकों को मिले इस उद्देश्य से जिला स्तर पर जन-जागरूकता व सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं उद्योगपतियों, श्रमिक संगठनों व श्रमिकों के बीच पंचायते आयोजित की जायेंगी। इसके अलावा परिषद की स्मारिका, हैण्ड बुक, कैलेण्डर भी निकाला जायेगा। भराला ने कहा कि दन्तोपन्त ठेंगड़ी श्रमिकों, किसानों व गरीबों की भलाई के लिए जीवनभर संघर्ष करते रहे। उन्ही के प्रयासों से ही सेस एक्ट (उपकर अधिनियम) पूरे देश में लागू हुआ और जिसका लाभ देश के निर्माण श्रमिकों को मिल रहा है।
संगोष्ठी में पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष यशवंत सैनी, उ0प्र0 कृषि अनुसंधान परिषद के चेयरमैन विकास गुप्ता, परिषद के सदस्य के0एल0 भारती, अजीत जैन, मनोहर सिंह, भूतपूर्व डी0जी0पी उ0प्र0 सूर्य कुमार शुक्ला, उद्योगपति नवीन जैन के साथ परिषद के सचिव फैसल आफताब, उप श्रम कल्याण आयुक्त अमित कुमार मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट