जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2024 ने जारी की वक्ताओं दूसरी सूची
2024 संस्करण में फेस्टिवल में दुनियाभर से 300 से अधिक वक्ता शामिल होंगे| दूसरी सूची में शामिल नाम हैं: अखिल कात्याल, अमिया श्रीनिवासन, एंड्रू क्विंटमैन, अरुंधती सुब्रमण्यम, बोनी गार्मस, चित्रा बनर्जी दिवकरुनी, डमों गल्गुट, डायना एवांस, गुलज़ार साहब, हेर्नन डिअज़, केय बर्ड, कैटी किटामुरा, कैली दोरजी, लुके सिसों, जस्टिस मदन बी. लोकुर, माल्कोल्म टर्नबुल AC, मारिया गोरेट्टी, मेर्वे एमरे, नवदीप सूरी, रॉजर कोहेन, सारनाथ बनर्जी, शुमोना सिन्हा, विन्सेंट ब्राउन, शानभाग, यस्चा मौंक|
आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने अपने बहुप्रतीक्षित 17वें संस्करण में शामिल होने वाले वक्ताओं की दूसरी लिस्ट की घोषणा की| फेस्टिवल का आयोजन 1-5 फरवरी को, होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में किया जाएगा|
लिस्ट में शामिल वक्ताओं से पता चलता है कि प्रत्येक वर्ष की तरह, फेस्टिवल में इस साल भी विश्व-विख्यात लेखक, चिंतक, विचारक, यथार्थवादी, विद्वतजन अपने विचारों से श्रोताओं का दिल जीत लेंगे|
25 वक्ताओं की दूसरी सूची में विविध क्षेत्रों के शानदार वक्ता शामिल हैं: कवि, अनुवादक, विद्वान् और लाइक ब्लड ऑन द बिटन टंग: दिल्ली पॉयम्स और हाउ मेनी कंट्रीज डज द इंडस क्रॉस के लेखक अखिल कात्याल; अकादमिक और द राईट टू सेक्स की लेखिका अमिया श्रीनिवासन; तिब्बत और हिमालय में बौद्धिक परम्परा के विद्वान, और द लाइफ ऑफ़ मिलारेपा के लेखक एंड्रू कुइंतमन; साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित
भारत की प्रसिद्ध कवयित्री अरुंधती सुब्रमण्यम; कॉपीराइटर, क्रिएटिव डायरेक्टर और लेसन इन कैमिस्ट्री की लेखिका बोनी गार्मुस; द पैलेस ऑफ़ इल्यूजन, द फारेस्ट ऑफ़ एनचांटमेंट, द लास्ट क्वीन और इंडिपेंडेंस जैसी कामयाब किताबों की लेखिका चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी; बुकर प्राइज से सम्मानित उपन्यासकार और नाटककार डमों गल्गुत; ऑरेंज अवार्ड से सम्मानित लेखिका, पत्रकार और समीक्षक डायना एवांस; हरदिल अजीज़ शायर, गीतकार और पटकथा लेखक गुलज़ार साहब, जो 100 से भी अधिक किताबें लिख चुके हैं|
लिस्ट में शामिल अन्य वक्ता हैं: पुलित्जर प्राइज से सम्मानित और ट्रस्ट एंड इन द डिस्टेंस के लेखक हेर्नन डिअज़; पुलित्ज़र प्राइज से सम्मानित जीवनीकार, पत्रकार और अमेरिकन प्रोमिथेउस: द ट्रंफ एंड ट्रेजेडी ऑफ़ जे. रोबर्ट ओपेन्हाईमर के लेखक केय बर्ड; पत्रकार, कला समीक्षक और इंटीमेसिस की लेखिका कैटी कितामुरा; भूटानी अभिनेता, मॉडल और द हिडन रेनबो के लेखक केली दोरजी; ब्रिटिश म्यूजियम क्यूरेटर, कला इतिहासकार और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में फिट्ज़ विलियम म्यूजियम के डायरेक्टर लुके सिसों; सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के भूतपूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ फिजी के जज जस्टिस मदन बी.लोकुर; ऑस्ट्रेलिया के 29वें प्रधानमंत्री, भूतपूर्व राजनेता और बिजनेसमैन माल्कोल्म टर्नबुल AC; टेलीविज़न प्रेजेंटर, अदाकारा और फ्रॉम माय किचन टू योर्स की लेखिका मारिया गोरेत्ति; अकादमिक और द एनोटेटेड मिसेज डेलोवे की लेखिका मेर्वे एमरे|
फेस्टिवल में शामिल होंगे यूएई में भारत के भूतपूर्व राजदूत, नवदीप सूरी; पुलित्ज़र पुरस्कार और जॉर्ज पोलक अवार्ड से सम्मानित पत्रकार रॉजर कोहेन; ग्राफिक नॉवेलिस्ट, आर्टिस्ट और फिल्ममेकर सारनाथ बनर्जी; डाउन विद पुअर की पुरस्कृत लेखिका शुमोना सिन्हा; अकादमिक और द रीपर्स गार्डन और टैकी’स रिवोल्ट के लेखक विन्सेंट ब्राउन; लेखक, संपादक और नाटककार विवेक शानभाग; जर्मनी में पैदा हुए, अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक और लेखक यस्चा मौंक|
हर साल फेस्टिवल में दुनिया के जाने-माने लेखक, विद्वान्, मानववादी, राजनेता, बिजनेस मेग्नेट, खिलाड़ी और एंटरटेनर एक मंच पर एकत्र होते हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बुलंद करते हैं| 2007 में, अपने स्थापना वर्ष के साथ ही, फेस्टिवल लगभग 5,000 वक्ताओं की मेजबानी कर चुका है, और दुनिया भर से लाखों पाठक इसका हिस्सा बनने आते हैं| आज, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल साहित्य का ऐसा कुम्भ है, जिसमें हर साहित्य प्रेमी डुबकी लगाना चाहता है|
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गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट